भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं वरिष्ठ नेता रमेश चंद्र जोशी उर्फ रामू भैया के नेतृत्व में उत्तराखंड के सीमांत निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके देहरादून स्थित निजी आवास पर मुलाकात करी। इस दौरान चिकित्सकों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से राज्य की विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए अग्निशमन सुरक्षा के नियमों में छूट देने की मांग करी। जिस पर मुख्यमंत्री धामी के द्वारा तत्काल राज्य के मुख्य सचिन से दूरभाष के माध्यम से बात कर अग्निशमन के नियमों की समीक्षा कर अग्निशमन के महानिदेशक को उक्त संबंध में तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अधिकांश निजी चिकित्सालयों में अग्निशमन के मानकों के अभाव में फायर की एनओसी न होने के कारण क्षेत्र के आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज नहीं हो पाता है। जिस कारण सीमांत क्षेत्र के मरीज को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं उत्तर प्रदेश जैसे देश के अन्य बड़े राज्यों में फायर के इन पुराने नियमों के तहत जून 2022 तक बने चिकित्सालयों को एनओसी जारी की जा चुकी है। जबकि विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड राज्य को पहाड़ी राज्य का दर्जा प्राप्त होने की वजह से अनेक नियमों में तो छूट प्राप्त है। लेकिन अग्निशमन विभाग के सेट बैक जैसे व्यापार विरोधी जटिल नियमों में कोई छूट नहीं दी गई है। जिसके चलते सीमांत क्षेत्र के मरीज को आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी इन निजी चिकित्सालयों में चिकित्सा की सुविधा प्राप्त नहीं हो पाती है। मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वालों में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रमेश चंद्र जोशी एवं आनंद हॉस्पिटल के एमडी राजेश छाबड़ा के साथ डॉ उमेश, डॉ भावेश, डॉ त्रिभुवन, डॉ पारस सहित अनेक चिकित्सक उपस्थित रहे।