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भाजपा नेत्री की संदिग्ध मौत, परिजनों ने लगाया गलत इंजेक्शन देने का आरोप; जानें पूरा मामला।

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- भाजपा नेत्री की इलाज के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि निजी अस्पताल में गलत इंजेक्शन लगाए जाने से उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। घटना के बाद अस्पताल में हंगामा हुआ, जिसे पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शांत कराया।

कानपुर। कल्याणपुर के आवास विकास स्थित एक निजी अस्पताल में भाजपा नेत्री की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि उन्हें गलत इंजेक्शन लगाया गया, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई और कुछ ही घंटों में उनकी मृत्यु हो गई। बता दें कि सुनीता महिला मोर्चा की पूर्व जिलामंत्री रह चुकी हैं। साथ ही भाजपा की वरिष्ठ नेत्री और अंतरराष्ट्रीय महिला महासभा की पदाधिकारी थीं।

सुनीता की मौत की सूचना पर वहां मौजूद उनके बेटे कृष व बेटियां रिचा, तृप्ति और नैंसी ने हंगामा शुरू कर दिया। आरोप है कि नाराज अस्पताल के कर्मचारियों ने तृप्ति की पिटाई कर दी।

मृतका के बेटे कृष शुक्ला ने बताया कि उनकी मां को दोपहर करीब 2 बजे घबराहट और पैरों में सुन्नपन की शिकायत हुई थी, जिसके बाद करीबी के सुझाव पर अर्शिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। आरोप है कि इलाज के दौरान गलत इंजेक्शन देने से उनकी स्थिति और बिगड़ गई। करीब 5 बजे अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को वहां से ले जाने को कह दिया। उस समय तक उनका शरीर शिथिल पड़ चुका था और कुछ ही देर में उनकी मृत्यु हो गई।

घटना की सूचना मिलते ही परिजन व अन्य परिचित अस्पताल पहुंच गए और हंगामा करने लगे। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभाला। पनकी रोड चौकी प्रभारी सूर्य प्रकाश दुबे ने बताया कि परिजनों को पोस्टमार्टम कराने की सलाह दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

हॉस्पिटल के संचालक सागर शुक्ला का कहना है कि महिला को हार्ट अटैक पड़ा था। उन्हें अस्पताल में दोपहर में भर्ती कराया गया था। इनके ईसीजी और अन्य मेडिकल टेस्ट कराए गए थे। उनके परिजनों ने इच्छा जताई थी कि वो उन्हें सर्वोदय नगर स्थित अस्पताल ले जाना चाहते हैं।

परिजनों की इच्छा पर मरीज को रेफर कर दिया गया था। अस्पताल प्रबंधन ने किसी तरह की मारपीट नहीं की है। जो आरोप लगाए गए हैं वो निराधार हैं।

इस मामले में एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पाण्डेय ने कहा कि जांच में अब तक मारपीट के कोई सबूत नहीं मिले हैं। परिजनों ने जो तहरीर दी है उसकी जांच कराई जा रही है। जल्द मामले में एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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