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*”दर्दनाक:- प्रतिष्ठित IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में भरा पानी पानी, तीन स्टूडेंट की मौत; इस तरह गेट को तोड़ते हुए अंदर घुसा पानी।*

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- एक प्रतिष्ठित आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन स्टूडेंट की मौत के मामले में दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने अजीब बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सड़क से गुजर रहे ट्रक के दबाव से कोचिंग सेंटर के अंदर लगा लोहे का गेट टूट गया और कोचिंग सेंटर में पानी भर गया।

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भरने और इसमें फंसने से तीन छात्रों की मौत के बाद अब दिल्ली फायर सर्विस ने बयान जारी किया है. दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने इस हादसे के लिए कोचिंग सेंटर में लगे लोहे के गेट को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि यह गेट सड़क पर बहने वाले पानी को रोकने के लिए लगा था. सड़क से गुजर रहे एक ट्रक के दबाव की वजह से यह गेट टूट गया और सड़क पार बहता हुआ सारा पानी बेसमेंट में गिरने लगा।

दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर के इस बयान पर बहस तेज हो गई है. सवाल उठ रहा है कि ट्रक सड़क से निकला, लेकिन कोचिंग सेंटर तो सड़क से थोड़ा हट के था. ऐसे में कोचिंग के अंदर लगा यह लोहे का गेट कैसे टूट गया. हालांकि डॉयरेक्टर ने बताया कि यह एक संभावना है. घटना के कारणों की जांच कराई जा रही है. दरअसल इस हादसे के बाद खुद दिल्ली फायर सर्विस भी सवालों के घेरे में आ गई है. फायर सर्विस की नियमावली के मुताबिक बेसमेंट में इस तरह की गतिविधियों के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती।

फायर सर्विस ने कैसे दे दी एनओसी?

बावजूद इसके कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में विधिवत क्लासेज संचालित हो रहे थे. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि दिल्ली फायर सर्विस ने इस कोचिंग सेंटर को कैसे एनओसी दे दी. यदि नहीं दी तो फिर सवाल उठता है कि बिना फायर एनओसी के यह कोचिंग सेंटर कैसे संचालित हो रहा था. बता दें कि शनिवार को दिल्ली में थोड़ी तेज बारिश हो रही थी. इसके चलते दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सड़कों पर पानी की तेज धार चलने लगी थी. इसी दौरान ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित इस प्रतिष्ठित आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में लगे ड्रेनेज सिस्टम में फाल्ट आ गया।

इससे ड्रेनज का पानी तो बेसमेंट में भरा ही, बाहर सड़क पर बहता पानी भी बेसमेंट में आ गया. इसकी वजह से घटना के वक्त बेसमेंट में क्लास कर रहे सभी स्टूडेंट्स फंस कर रह गए. बेसमेंट से बाहर आने के लिए एक ही निकास होने की वजह से बच्चों का अंदर से बाहर निकल पाना मुश्किल हो गया. बावजूद इसके जैसे तैसे कुछ स्टूडेंट्स तैर कर बाहर आ गए. वहीं कुछ दीवार व अन्य सहारों के जरिए जिंदगी से जूझने लगे. इसी प्रकार बचाव के लिए किसी तरह का सहारा नहीं मिलने पर दो लड़कियों समेत तीन स्टूडेंट्स की डूबने से मौत हो गई।

क्या है नियम

फायर सर्विस की नियमावली के मुताबिक किसी भी प्रतिष्ठान के बेसमेंट में व्यापारिक या व्यवसायिक गतिविधियों की अनुमति नहीं है. कहीं भी ऐसा पाए जाने संबंधित राज्य की फायर सर्विस उस प्रतिष्ठान की फायर एनओसी को रद्द कर सकती है. वहीं हर तीन साल पर एनओसी रिन्यू कराते समय फायर सर्विस के अधिकारी खुद मौके पर जाकर बेसमेंट का मुआयना करते हैं. इसमें खासतौर पर देखा जाता है कि बेसमेंट के अंदर किसी तरह का अस्थाई निर्माण तो नहीं किया गया है. इसके अलावा यह भी देखा जाता है कि बेसमेंट में किसी तरह का गोदाम तो नहीं बनाया गया है।


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