ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- केरल के वायनाड में बीते दिनों आई आपदा में सामने आए मौत के आंकड़े बेहद दिल दहला देने वाले हैं, बता दें की इस हादसे में अब तक 340 लोगों की मौत की खबर है, करीब 200 से ज्यादा लोग लापता है, कई घर तबाह हो गए हैं, कहीं पूरा का पूरा परिवार खत्म हो गया तो कोई अपने माता पिता से बिछड़ गया तो वहीं कई घरों के चिराग बुझ गए, रेस्क्यू ऑपरेशन अभी तक जारी है।
ताजा जानकारी के मुताबिक शनिवार को 340 की मौत की खबर सामने आई है. वहीं, रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है. बता दें, लैंडस्लाइड में फंसे लोगों को ढूंढने में करीब 1300 से अधिक बचावकर्मी लगे हैं. वहीं, सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं।
चुरलमाला और मुंडाकाई में आज शनिवार को पांचवें दिन भी तलाशी अभियान जारी है. बताया जा रहा है कि अभी भी दो सौ से ज्यादा लोगों का पता नहीं चल पाया है. 30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में दो बड़े भूस्खलन हुए, जिससे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तबाही हुई और जान-माल का नुकसान हुआ, इस बीच, खबर यह है कि इस भीषण त्रासदी के चलते पश्चिम बंगाल के 242 प्रवासी मजदूर भी वायनाड में फंसे हुए हैं. इस बात की जानकारी श्रम मंत्री मोलॉय घटक ने विधानसभा को दी है. विधानसभा में हिंगलगंज टीएमसी विधायक देबेस मंडल के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, मोलॉय घटक ने पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों का विवरण दिया जो भूस्खलन से हाल ही में हुई आपदा के कारण वायनाड जिले में फंस गए थे. विधानसभा में, घटक ने कहा कि राज्य प्रशासन ने उनमें से कुछ के साथ संपर्क स्थापित किया है. पश्चिम बंगाल सरकार के श्रम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बंगाल के 242 प्रवासी मजदूर वायनाड जिले में फंसे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हमने उनमें से कुछ के साथ संपर्क स्थापित किया है. हम अन्य लोगों से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं. घटक ने आगे कहा कि बंगाल के मजदूर अत्यधिक कुशल हैं, इसलिए दक्षिणी राज्य में उनकी हमेशा मांग रहती है. उन्होंने कहा कि संपर्क किए गए सभी प्रवासी मजदूर सुरक्षित हैं. राज्य के विभिन्न जिलों के ये प्रवासी मजदूर कुशल हैं और यही कारण है कि अन्य राज्यों में उनकी मांग अधिक है।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना