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“पानी के संकट से जूझ रही प्यासी दिल्ली के लिए हिमाचल का नहीं पसीजा दिल”, पानी देने से Himachal का इनकार; कहा- “सुप्रीम कोर्ट को दी जा रही गलत जानकारी”

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- “मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को किसी ने गलत जानकारी दी है, जिसकी हम जानकारी ले रहे हैं। दिल्ली देश की राजधानी है और जल संकट में हिमाचल पूरा सहयोग कर रहा है। करार के मुताबिक 137 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और अगर अतिरिक्त पानी भी देना पड़ेगा तो हिमाचल उसके लिए भी तैयार हैं”

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वे पानी की सप्लाई के लिए अपर यमुना रिवर बोर्ड (यूवाईआरबी) से अपील करें। हिमाचल प्रदेश सरकार के यू-टर्न लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया। हिमाचल सरकार ने बताया कि उनके पास कोई अतिरिक्त पानी नहीं है। इस पर जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वाराले की अवकाश पीठ ने दिल्ली सरकार को अपर यमुना नदी बोर्ड के सामने शाम पांच बजे तक अपील करने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को मानवीय आधार पर अपील करनी चाहिए। वहीं हिमाचल प्रदेश सरकार ने पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उनके पास अतिरिक्त पानी है, जिसके बाद कोर्ट ने हिमाचल को अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया था, जो हरियाणा होते हुए दिल्ली पहुंचना था, लेकिन अब हिमाचल ने अपने बयान से पलटते हुए कोर्ट को बताया कि उनके पास 136 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नहीं है।

पीठ ने कहा ‘राज्यों के बीच यमुना के पानी का बंटवारा एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है और इस अदालत के पास वो तकनीकी विशेषज्ञता नहीं है, इस पर फैसला कर सके। ऐसे में यह मामला उस निकाय पर छोड़ा जाना चाहिए, जिसका गठन विभिन्न पक्षों में समझौते के बाद एमओयू द्वारा साल 1994 में किया गया था।’ कोर्ट ने कहा ‘अपर यमुना रिवर बोर्ड ने पहले से ही दिल्ली सरकार को पानी की सप्लाई के लिए एक याचिका दायर करने को कहा हुआ है। ऐसे में दिल्ली सरकार को याचिका दाखिल करनी चाहिए और अगर अभी तक नहीं की है तो आज शाम पांच बजे तक दाखिल करें। बोर्ड इस मामले में कल बैठक करे और जल्द से जल्द इस पर फैसला करे।’

दिल्ली इन दिनों जल संकट से जूझ रही है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर हरियाणा से अतिरिक्त पानी दिल्ली को देने की मांग की थी ताकि राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट का समाधान हो सके।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


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