
ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- जिले में एक राज्य सरकार द्वारा संचालित आवासीय स्कूल के हॉस्टल में 10वीं की छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया. घटना के बाद स्कूल प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि लड़की के गर्भावस्था का पता क्यों नहीं चल पाया. प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं
ओडिशा: मलकानगिरी जिले के एक सरकारी आवासीय स्कूल के छात्रावास में 10वीं कक्षा की छात्रा के अचानक बच्चे को जन्म देने से हड़कंप मच गया। इस घटना ने प्रशासन, स्कूल प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसके बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं।
कैसे हुआ ये सब?
सोमवार को बोर्ड परीक्षा देकर हॉस्टल लौटने के कुछ ही समय बाद छात्रा को लेबर पेन हुआ और उसने एक बच्ची को जन्म दिया। स्कूल प्रशासन और हॉस्टल स्टाफ के लिए यह चौंकाने वाली घटना थी क्योंकि किसी को छात्रा की प्रेग्नेंसी की भनक तक नहीं लगी थी।
प्रशासन और परिजनों के सवाल
छात्रा के माता-पिता इस घटना से सदमे में हैं और जानना चाहते हैं कि नौ महीने तक किसी ने कुछ क्यों नहीं देखा। स्कूल प्रिंसिपल और हॉस्टल प्रशासन भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहा है।
प्रिंसिपल ने सफाई देते हुए कहा,
“गर्ल्स हॉस्टल में पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित है। हमें नहीं पता कि छात्रा कैसे प्रेग्नेंट हुई। स्वास्थ्य कर्मियों को हर हफ्ते छात्राओं की जांच करनी होती है, लेकिन इस घटना से साफ है कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई।”
जांच जारी, एक संदिग्ध हिरासत में
जिला कल्याण अधिकारी श्रीनिवास आचार्य ने कहा कि छात्रा शायद छुट्टियों के दौरान घर गई होगी, तभी यह सब हुआ होगा। हालांकि, परिजनों ने इस दावे को खारिज कर दिया है।
इस बीच, पुलिस ने छात्रा को गर्भवती करने के संदेह में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। वहीं, छात्रा और नवजात बच्ची को पहले चित्रकोंडा के उप-मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर मलकानगिरी जिला मुख्यालय अस्पताल भेज दिया गया। दोनों की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
हॉस्टल की सुरक्षा और निगरानी पर सवाल
इस घटना ने गर्ल्स हॉस्टल की सुरक्षा और प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर हॉस्टल में बाहरी व्यक्ति की एंट्री नहीं थी, तो छात्रा गर्भवती कैसे हुई? स्वास्थ्य जांच के बावजूद प्रेग्नेंसी कैसे छिपी रही?
अब इस पूरे मामले की विभागीय जांच जारी है, लेकिन इस घटना ने छात्रावासों में रहने वाली अन्य छात्राओं की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है।