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*फाइनेंसर की शर्मनाक हरकत” किश्त न देने पर हरियाणा में छीन ली उत्तराखंड की रोडवेज बस, आधे रास्‍ते में यात्रियों को जबरन बस से उतारा; विरोध करने पर अभद्रता; जानें पूरा मामला।*

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- फाइनेंस कंपनी की अक्सर मनमानी देखने को मिलती है जहां कभी बाइक, कार को कब्जे में ले लिया जाता है तो कभी ये लोग अधिक ब्याज लगा देते हैं, बता दें की अब फाइनेंसर की शर्मनाक हरकत देखने को मिली जहां रुड़की डिपो में अनुबंध पर चल रही रोडवेज बस को दिल्ली से आते समय फाइनेंसर ने हरियाणा के यमुनानगर में छीन लिया। यात्रियों को जबरन बस से उतार दिया। जिस पर यात्रियों ने हंगामा कर दिया।

परिचालक ने विरोध किया तो उसके साथ भी अभद्रता की। बाद में परिचालक ने सभी सवारियों के टिकट के पैसे वापस किए और उनको दूसरी बस में बैठाकर भेजा। साथ ही स्वयं भी दूसरी बस से आया। परिचालक ने इस संबंध में डिपो के उच्च अधिकारियों से शिकायत की है। वहीं मामला संज्ञान में आने के बाद से अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है।

रुड़की डिपो से एक सीएनजी से संचालित रोडवेज बस सोमवार को दिल्ली गई थी। इस समय दिल्ली जाने वाली बसें वाया करनाल होते हुए जा रही है। इधर से बस दिल्ली पहुंच गई। इसके बाद बस दिल्ली से रुड़की के लिए वापस आ रही थी। यमुनानगर आते-आते बस में 132 सवारी रह गई। जैसे ही यह बस यमुनानगर के पास पहुंची तो कुछ लोगों ने बस को बीच रास्ते में रोक लिया।

चालक ने अनुमान लगाया कि शायद सवारी हैं और उसने बस को रोक दिया। जैसे ही बस रुकी तो तीन चार लोग बस के अंदर दाखिल हो गए। अंदर जाते ही उन्होंने सबसे पहले चालक से बस की चाबी छीन ली। अचानक हुए घटनाक्रम को देखकर बस में सफर कर रहे यात्री भी डर गए। उनको लगा कि शायद बदमाश बस के अंदर आ गए हैं, इसके बाद बस में चढ़े लोगों ने धमकी भरे अंदाज में सवारियों से कहा कि बस अब आगे नहीं जाएगी। सभी यहीं पर उतर जाए। बस को लेकर वह जाएंगे। इस पर यात्रियों ने विरोध किया तो बस के अंदर मौजूद लोगों ने बताया कि वह फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी हैं और बस की किश्त जमा नहीं हुई है। इसलिए बस को लेकर जाएंगे।

परिचालक ने भी इस बात का विरोध किया, लेकिन उसकी एक बात ना सुनी गई। इसके बाद परिचालक ने इस बात की जानकारी रोडवेज के उच्च अधिकारियों को दी। साथ ही सवारियों के टिकट के पैसे वापस करते हुए उनको दूसरी बस में बैठाकर रुड़की के लिए रवाना किया गया।

परिचालक भी बस को छोड़कर दूसरी बस से वापस डिपो में आ गया और अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दी। वहीं इस घटना के बाद से परिवहन निगम में हड़कंप मचा हुआ है। साथ ही परिवहन निगम की बदनामी भी हो रही है, रुड़की डिपो में 16 बसों का संचालन अनुबंध के आधार पर किया जाता है। करीब एक वर्ष पहले रुड़की डिपो में अनुबंध में आधार पर कुल 8 सीएनजी बसों को भेजा गया था। जिनमें से कई बसों के स्वामियाें ने उन बसों को किश्त पर खरीदा हुआ है। जिसकी हर माह किश्त जा रही थी।

इसी बीच एक बस स्वामी द्वारा बस की किश्तों को समय पर नहीं जमा किया गया। जिसके बाद उसको फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों की ओर से नाेटिस भेजा गया था। वहीं परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. आनंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में जानकारी मांगी गई है।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


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