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दहेज हत्या का सनसनीखेज मामला: दवाइयां देकर बहू की ली जान” एक करोड़ और कार की मांग पूरी न होने पर किया उत्पीड़न, मुकदमा दर्ज — जांच शुरू।

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दहेज हत्या का सनसनीखेज मामला: दवाइयां देकर बहू की ली जान

एक करोड़ और कार की मांग पूरी न होने पर किया उत्पीड़न, मुकदमा दर्ज — जांच शुरू।

राजीव चावला/ एडिटर 

खबर पड़ताल। थाना ट्रांजिट कैंप क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी में दहेज के लिए एक विवाहिता को दवाइयां देकर मौत के घाट उतारने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि ससुराल पक्ष एक करोड़ रुपये और कार की मांग पूरी न होने पर बहू को लगातार प्रताड़ित करता रहा। हालत बिगड़ने पर जब विवाहिता को अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने पाया कि उसे “द्यातक दवाइयां” दी गई थीं। पुलिस ने तहरीर के आधार पर पति समेत पांच लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

शादी के दो साल बाद ही बुझा दिया घर का चिराग

जानकारी के अनुसार आवास विकास निवासी बलराम अग्रवाल ने बताया कि उनकी इकलौती बेटी ज्योति अग्रवाल का विवाह 22 अप्रैल 2023 को दीपांशु मित्तल निवासी प्रतापपुर, नानकमत्ता के साथ बड़ी धूमधाम से किया गया था।
शादी में परिवार ने हैसियत के अनुसार 51 लाख रुपये नकद, एक इनोवा कार, करीब 15 लाख के जेवरात और गृहस्थी का सामान दिया था।

लेकिन विवाह के कुछ माह बाद ही पति दीपांशु मित्तल, सास इंदु मित्तल, ससुर सुनील मित्तल, ननद डॉ. दिव्यांशी मित्तल और जेठ हिमांशु मित्तल द्वारा एक करोड़ रुपये और फॉर्च्यूनर कार की मांग की जाने लगी।

बेटी होने पर ताने और जबरन गर्भपात

प्रार्थी ने बताया कि शादी के बाद ज्योति ने एक बेटी को जन्म दिया। इसके बाद ससुराल पक्ष उसे “बेटा न होने” का ताना देने लगा।
आरोप है कि जब ज्योति दोबारा गर्भवती हुई तो ससुरालियों ने अवैध लिंग परीक्षण कराया, और बेटी होने की संभावना जानकर जबरन गर्भपात करवा दिया।
गर्भपात के बाद से ही उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई।

नशा करने का झूठा आरोप, दवाइयों से बिगाड़ी सेहत

बलराम अग्रवाल के अनुसार, 4 जुलाई 2025 को ससुराल पक्ष ने फोन कर बताया कि ज्योति “नशा करती है” और उसे नोएडा के नशा मुक्ति केंद्र ले जाया जा रहा है।
पिता ने बताया कि उनकी बेटी पढ़ी-लिखी, सुलझी हुई और संस्कारी थी — ऐसे आरोप असंभव थे।
जब बेटी को नोएडा अस्पताल में भर्ती कराया गया तो डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि ज्योति नशा नहीं करती थी, बल्कि गलत दवाइयां देने से ब्रेन ब्लीडिंग हुई है।
11 जुलाई को उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

ननद पर लगा साजिश रचने का आरोप

मृतका की ननद डॉ. दिव्यांशी गोयल, जो रुद्रपुर जिला अस्पताल में कार्यरत हैं, पर आरोप है कि उन्होंने ही गर्भपात कराने की साजिश रची थी।
मायके पक्ष का कहना है कि ससुराली लगातार बेटी की बीमारी को “मनोवैज्ञानिक समस्या” बताकर उन्हें गुमराह करते रहे, जबकि सच्चाई छिपाई गई।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, जांच जारी

तहरीर के आधार पर पति, सास, ससुर, ननद और जेठ के खिलाफ दहेज हत्या, लिंग परीक्षण और गर्भपात संबंधी धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है।
पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में दहेज मांग और लिंग परीक्षण की पुष्टि हुई है।
मामले की विवेचना जारी है, और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

Rajeev Chawla


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