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शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ममता सरकार को बड़ा झटका” कलकत्ता HighCourt ने 23 हजार से ज्यादा भर्तियां की रद्द…

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग पैनल द्वारा की गई स्कूल शिक्षक भर्ती रद्द कर दी है, शिक्षक भर्ती घोटाले पर फैसला सुनाते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने 9वीं से 12वीं और समूह सी और डी तक की सभी नियुक्तियां जिनमें अनियमितताएं पाई गईं उसे रद कर दिया है. सोमवार को हाई कोर्ट ने एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में 281 पन्नों का फैसला सुनाया।

कलकत्ता हाई कोर्ट से पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने आज सोमवार को 2016 स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती के पूरे पैनल को अमान्य घोषित कर दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पश्चिम बंगाल में स्कूल नौकरियों के लिए 2016 की चयन प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की आगे जांच करने का निर्देश दिया है. स्कूल सेवा आयोग 2016 पूर्ण पैनल (समूह-सी, डी, IX-XII) को हाई कोर्ट के द्वारा रद्द कर दिया गया, बता दें, एसएससी भर्ती भ्रष्टाचार मामले में सोमवार को हाईकोर्ट ने 281 पेज का फैसला सुनाया. उस फैसले में जस्टिस देवांशु बसाक की खंडपीठ ने 23 हजार से अधिक नियुक्तियों को रद्द कर दिया, साथ ही स्कूल सेवा आयोग को नया टेंडर बुलाकर नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है।

इसके साथ ही हाई कोर्ट ने अवैध तरीके से नौकरी करने वालों को 6 हफ्ते के अंदर सैलरी लौटाने का निर्देश दिया है , साथ ही सीबीआई को भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच जारी रखने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने सभी ओएमआर शीट की कॉपी एसएससी सर्वर पर अपलोड करने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आगे की जांच में राज्य का कोई अन्य मंत्री भर्ती घोटाले में शामिल पाया गया तो सीबीआई उसे गिरफ्तार कर सकती है, बता दें, कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई राज्य में सरकारी स्कूल भर्ती प्रक्रिया में 2016 के भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रही है. इस मामले में राज्य के तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. उनके अलावा सत्ता पक्ष के कई दिग्गज जेल में हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच में खुलासा हुआ कि राज्य स्तरीय चयन परीक्षा 2016 (एसएलएसटी) के माध्यम से कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के शिक्षकों की भर्ती के साथ-साथ ग्रुप सी और ग्रुप डी की भर्ती में भी भ्रष्टाचार हुआ था।

इस मामले में पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कई अयोग्य शिक्षकों की नौकरी रद्द करने का आदेश दिया था. राज्य सरकार की अर्जी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी. 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति देबांशु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बर रशीदी की एक विशेष खंडपीठ का गठन किया गया था, पिछले दिसंबर से वहां एसएससी मामले की सुनवाई शुरू हुई थी. शीर्ष अदालत ने मामले को छह महीने के भीतर खत्म करने का आदेश दिया. वहीं, जांच एजेंसी सीबीआई, स्कूल सेवा आयोग और मध्य शिक्षा परिषद समेत सभी पक्षों के बयान सुनने के बाद जस्टिस देवांशु बसाक ने कहा कि फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट का रास्ता खुला रहेगा।


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