ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- कैब का ड्राइवर कार के अंदर सोया था. मालिक का फोन नहीं उठा तो वो जीपीएस के जरिए लोकेशन पर पहुंचा. वहां उसने देखा कि ड्राइवर बेसुध सीट पर पड़ा है. शीशा तोड़कर उसे बाहर निकाला गया तो पता चला कि ड्राइवर की सांसें थम चुकी हैं, दरअसल, भीषण गर्मी में लोग हादसों का भी शिकार हो रहे हैं यूपी के गाजियाबाद के इंदिरापुरम के प्रह्लादगढ़ी में गर्मी से परेशान एक व्यक्ति रात में एसी चलाकर कार में सो गया था. सुबह वह मृत हालत में मिला. प्रह्लादगढ़ी में बंद कार में एक व्यक्ति का शव मिलने से हड़कंप मच गया.
पुलिस की जांच के अनुसार शख्स की मौत कार में दम घुटने से हुई. आशंका जताई गई कि उसे पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिली, यही बात मौत की वजह बनी. एक चीज और लगातार एसी चलने से कार का पेट्रोल खत्म हो गया था, जिसके कारण एयर कंडीशनर बंद हो गया. शख्स को इसका पता नहीं चला और वो गहरी नींद में सोता रह गया।
कार का AC हो सकता है जानलेवा
कार में एसी (एयर कंडीशनर) चलाकर सोने से ड्राइवर की मौत का मामला बेहद खतरनाक है. इसके कई कारण हो सकते हैं जिनके कारण गाड़ी का एयर कंडीशनर जानलेवा बन सकता है।
(ये तमाम हो सकती हैं वजह )
1. कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) का रिसाव
बंद गाड़ी में कार का एसी चलने पर अगर गाड़ी का इंजन ठीक से मेंटेन न हो या एग्जॉस्ट सिस्टम में कोई खराबी हो, तो कार्बन मोनोऑक्साइड गैस का रिसाव हो सकता है. ये गैस बेहद जहरीली होती है. ये गैस बिना रंग और गंध की होती है, जिससे इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है. ये खून में हीमोग्लोबिन से जुड़ जाती है, जिससे शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है, जिसके कारण मौत हो सकती है।
2. ऑक्सीजन की कमी
बंद गाड़ी में लंबे समय तक एसी चलाने से गाड़ी के भीतर की हवा रीसायकल होती रहती है. इससे अंदर की ऑक्सीजन धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने लगती है. ऑक्सीजन की कमी से दम घुटने का खतरा होता है. ये स्थिति, “एस्फिक्सिया” (asphyxia) कहलाती है, इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिनमें मौत भी शामिल है।
3. एयरफ्लो की कमी
अगर गाड़ी पूरी तरह से बंद है और अंदर की हवा बाहर नहीं जा रही है, तो यह एक बंद चेम्बर बन जाता है. इस स्थिति में एसी चलाना भी खतरनाक हो सकता है क्योंकि एयरफ्लो की कमी से ताजगी की हवा अंदर नहीं आ पाती है।
4. हीट स्ट्रोक का खतरा
कई बार लोग सोते समय एसी बंद कर देते हैं और खिड़कियां भी बंद रखते हैं. ऐसे में गाड़ी के अंदर का तापमान तेजी से बढ़ सकता है, जिससे हीट स्ट्रोक का खतरा होता है. खासकर गर्मी के मौसम में यह और भी खतरनाक हो सकता है।
5. स्लीपिंग पोजिशन और जागरूकता की कमी
कार में सोने के दौरान व्यक्ति की पोजिशन और जागरूकता की कमी भी जानलेवा साबित हो सकती है. गाड़ी में सोते समय एसी का इस्तेमाल करने पर व्यक्ति को सही पोजिशन में सोना चाहिए ताकि सांस लेने में कोई दिक्कत न हो।