
ख़बर पड़ताल ब्यूरो” प्रयागराज: महाकुंभ के पावन अवसर पर संगम तट पर मंगलवार रात बड़ा हादसा हो गया। स्नान के दौरान अत्यधिक भीड़ के दबाव के चलते भगदड़ मच गई, जिसमें 17 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
अफवाह के कारण मची भगदड़
मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि एक अफवाह के चलते भगदड़ हुई, जिसके कारण कई लोग कुचल गए। राहत एवं बचाव कार्य जारी है, और घायलों को महाकुंभ नगर के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मेले के लिए विशेष कार्य अधिकारी आकांक्षा राणा ने कहा,’संगम में बैरियर्स टूटने के बाद कुछ लोग घायल हो गए हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हमें अभी तक घायलों की सही संख्या नहीं मिली है.’ जबकि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि महाकुंभ ये भगदड़ एक खंभा टूटने के बाद मची है. कुछ लोगों का कहना है कि संगन नोज पर अचानक भीड़ बढ़ने की वजह से एक खंभा टूटकर गिर गया था, जिसमें कुछ लोग जख्मी भी हुए थे. खंभा गिरने के बाद वहां मौजूद श्रद्धालुओं में थोड़ी हरकत देखने को मिली. जिसके बाद ये हालात पैदा हुए।
रात 2 बजे संगम तट के पास हुआ हादसा
प्रशासन के अनुसार, रात करीब 2 बजे यह हादसा हुआ। जैसे ही स्नान का समय शुरू हुआ, श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच गई। बढ़ती भीड़ ने कई स्थानों पर बैरिकेडिंग तोड़ दी। जो श्रद्धालु नीचे गिर गए, वे फिर उठ नहीं सके।
अस्पतालों में अफरा-तफरी, एंबुलेंस का लगा तांता
हादसे के बाद महाकुंभ के अस्पतालों में घायलों को लाने का सिलसिला जारी है। प्रशासन और बचाव दल मौके पर मौजूद हैं और हालात को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं।
भीड़ नियंत्रण में प्रशासन नाकाम?
सूत्रों के मुताबिक, भीड़ प्रबंधन में प्रशासन पूरी तरह विफल रहा। पहले ही दिन से संगम तट पर श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से अधिक थी, लेकिन बैरिकेडिंग और सुरक्षा इंतजाम अपर्याप्त साबित हुए।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए हैं और प्रशासन को भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष कदम उठाने का निर्देश दिया है।