ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- जितनी मेहनत से एक महिला को सफलता मिली उतनी ही जल्दी बदनामी और जेल की हवा भी, जी हां हम बात कर रहे हैं सफाई कर्मचारी से डिप्टी कलेक्टर बनी राजस्थान की आशा कंडारा की, बता दें की आशा का नाम तीन साल पहले देश भर में चर्चाओं में आया था। आशा को राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा (RAS) 2018 पास करने पर वाहवाही मिली। अब एक बार फिर आशा का नाम सुर्खियों में है, लेकिन इस बार उनकी वाहवाही नहीं बल्कि बदनामी हो रही, एसीबी ने आशा कंडारा को एक लाख 75 हजार रुपये घूस लेते पकड़ा है। एसीबी की कार्रवाई के दौरान आशा कंडारा का बेटा और एक अन्य शख्स भी मौजूद था।
राजस्थान के जोधपुर में सड़कों पर झाडू लगाने वाली आशा कंडरा ने 2021 में डिप्टी कलेक्टर बनकर खूब सुर्खियां बटोरी थी. उनके राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा (RAS) 2018 परीक्षा पास करने को खूब सराहा गया. लेकिन वह इस बार जिस वजह से सुर्खियों में हैं, उसे कोई नहीं चाहेगा. वर्तमान में जयपुर में तैनात आशा कंडरा को 12 जून की रात राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 1 लाख 75 हजार रुपये घूस लेते पकड़ा. एसीबी को जानकारी मिली थी कि वह सफाईकर्मी भर्ती के लिए लोगों से पैसे ले रही थीं, रिपोर्ट के अनुसार, आशा कंडरा ने 1997 में 12वीं पास किया था. इसके बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. इसके बाद उन्होंने अपने पिता के कहने पर साल 2013 में फिर से पढ़ाई शुरू की और बीए किया. इसके बाद 2018 में RAS 2018 का फॉर्म भरा।
आशा ने RAS 2018 का प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू दिया. लेकिन रिजल्ट के लिए दो साल लंबा इंतजार करना पड़ा. इस दौरान परिवार की मदद के लिए उन्होंने जोधपुर नगर निगम में सफाईकर्मचारी पद के लिए आवेदन किया. इस पद पर चयन हो गया. उन्होंने लगातार दो साल तक काम करती रहीं. साल 2021 के फरवरी में RAS का रिजल्ट आया. जिसमें उनका सेलेक्शन डिप्टी कलेक्टर पद हो गया. आशा कंडारा ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा में 728वीं रैंक हासिल की थी।
एक इंटरव्यू में आशा कंडरा ने बताया है था कि उनके पिता राजेंद्र कंडारा फ़र्टिलाइज़र कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया में अकाउंट ऑफ़िसर थे और मां गृहस्थी संभालती थी. लेकिन संयुक्त परिवार और सामाजिक दबाव के चलते 12वीं के बाद ही उनकी शादी कर दी गई थी. लेकिन 32 साल की उम्र में उनका तलाक हो गया. उस वक्त वह दो बच्चों की मां थीं।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना