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*बड़ी ख़बर…Modi सरकार का किसान आंदोलन के बीच बड़ा फैसला, गन्ना खरीद की कीमत में 8% की बढ़ोतरी; पढ़िए पूरी ख़बर…*

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पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हम किसानों के हित में काम कर रहे हैं, सरकार ने गन्ने का उचित और लाभकारी (FRP) मूल्य 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दी है….केंद्र की कैबिनेट की बैठक में बुधवार को कई अहम फैसले लिए गए हैं. कैबिनेट ने गन्ना खरीद की कीमत में आठ फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है. कैबिनेट ने गन्ना खरीद की कीमत को 315 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने को मंजूरी दी है. इस तरह गन्ने की कीमत 25 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी है।

कैबिनेट की मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने बीते 10 सालों से किसान कल्याण के लिए काम किया है. 2014 से पहले किसानों को खाद के लिए भी सड़कों पर उतरना पड़ता था. उस समय गन्ने की कीमत सही नहीं मिलती थी. दो-दो साल इंतजार करना पड़ता था. लेकिन मोदी सरकार ने इस दिशा में बेहतरीन काम किया है।

ठाकुर ने कहा कि 2019-20 में 75,854 करोड़ रुपये गन्ना किसानों को मिला है. 2020-21 में 93,011 करोड़ रुपये मिला है. 2021-22 में किसानों को 1.28 लाख करोड़ रुपये मिले हैं. वहीं, 2022-23 में 1.95 लाख करोड़ रुपये मिले हैं. ये पैसे सीधे इनके खाते में भेजे गए. हम किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

पशु इंश्योरेंस को किया जाएगा प्रोत्साहित’

अनुराग ठाकुर ने बताया कि मोदी कैबिनेट का दूसरा बड़ा फैसला नेशनल लाइवस्टॉक के तहत एक सबस्कीम शुरू की जा रही है. इससे घोड़े-ऊंट, गधा-खच्चर की संख्या घट रही है और देसी नस्ल की प्रजातियां खत्म होने की कगार पर हैं. तो पशुधन को बचाने के लिए नेशनल लाइवस्टॉक एक्सचेंज चलाया जा रहा है. ब्रीड मल्टीफिकेशन पर काम हो रहा है. एंटरप्रेन्योर के रूप में कोई व्यक्ति हो, सेल्फ हेल्प ग्रुप हो, इन सबको 50 फीसदी सब्सिडी दी गई है. इसकी अधिकतम सीमा 50 लाख रुपये रखी गई है।

उन्होंने बताया कि घोडे, ऊंट, गधा, खच्चर के लिए ब्रीड मल्टीफिकेशन का काम किया जाएगा. चारे की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए डिग्रेडेड फॉरेस्ट लैंड को चारे के प्रोडक्शन के काम में लिया जाएगा. इसके लिए भी सब्सिडी दी जाएगी. सभी प्रकार के पशुधन का इंश्योरेंस करने का लाभ मिलेगा. सबमें एक समान प्रीमियम देना होगा. पहले 20 से 50 फीसदी प्रीमियम देना पड़ता था, अब 15 फीसदी देना होगा. रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए चैलेंज मेथड के आधार पर प्राइवेट इंस्टीट्यूशन को 50 फीसदी सब्सिडी अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक मिलेगी. इससे छोटे और सीमांत किसानों को बड़ा लाभ मिलने जा रहा है।

अनुराग ठाकुर ने बताया कि तीसरा बड़ा फैसला फ्लड मैनेजमेंट और बॉर्डर एरिया प्रोग्राम को लेकर है. इस प्रोग्राम को 4100 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करवाई गई है 2021-22 से 2025-26 तक इसमें 2,930 करोड़ फ्लड मैनेजमेंट के लिए दिया जाएगा. इसका फंडिंग का पैटर्न 60:40 का रेशो रहेगा. 60 फीसदी केंद्र देगी जबकि बाकी का राज्य सरकार देगी।


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