
ख़बर पड़ताल ब्यूरो:– समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद विवाह से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव होंगे। अवैध शादियों से जन्मी संतानों को संपत्ति में अधिकार मिलेगा। हालांकि, विवाह के लिए कानूनी मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा।
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लागू होने के बाद विवाह के लिए तय मानकों को सख्ती से लागू किया जाएगा। किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या पारंपरिक रिवाजों से किए गए विवाह तभी वैध माने जाएंगे, जब वे यूसीसी के निर्धारित मानकों को पूरा करेंगे।
शासन अधिकारी:- “यूसीसी सभी धार्मिक और सांस्कृतिक विविधताओं का सम्मान करता है। विवाह के लिए बुनियादी शर्तें पूरी करना आवश्यक है ताकि कानून और समाज में समानता बनी रहे।”
यूसीसी के तहत विवाह रस्में जैसे सप्तपदी, निकाह, आशीर्वाद, आनंद कारज आदि पूर्व की भांति मान्य रहेंगी। लेकिन विवाह के समय यदि कोई पक्ष पहले से विवाहित है, मानसिक रूप से अस्थिर है, या निषिद्ध संबंधों के दायरे में आता है, तो विवाह अमान्य घोषित किया जा सकता है।
शासन ने स्पष्ट किया है कि यूसीसी में विवाह को लेकर हर धर्म और संप्रदाय की परंपराओं का सम्मान किया जाएगा। हालांकि, विवाह को वैध बनाने के लिए उम्र, सहमति, और जीवित जीवनसाथी का न होना जैसी शर्तों का पालन अनिवार्य होगा।
कानूनी विशेषज्ञ:
“अधिनियम के तहत अवैध विवाह से जन्मी संतानों को भी संपत्ति का अधिकार मिलेगा। यह कदम समानता और न्याय सुनिश्चित करेगा।”
यूसीसी के लागू होने से विवाह और संपत्ति से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित होगी। यह न सिर्फ सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करता है, बल्कि कानूनी मानकों को भी स्पष्ट करता है।