

ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- पुलिस और प्रशासन में उस समय हड़कंप मच गया जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को खून से 11,000 पत्र लिखने वाले यति परमानंद सरस्वती और यति स्वरूपानंद सरस्वती ने एसडीएम ऑफिस में आत्मदाह की धमकी दे डाली, बता दें की दोनो को कोटद्वार में नजरबंद कर दिया गया है, कोटद्वार से हल्द्वानी जाने से पहले ही कोटद्वार पुलिस ने दोनों संतों को नजरबंद कर लिया।
कोटद्वार कोतवाली पुलिस ने हल्द्वानी एसडीएम कार्यालय में आत्मदाह करने की धमकी देने वाले यति परमानंद सरस्वती उर्फ दीपक बजरंगी और यति स्वरूपानंद सरस्वती को सिंचाई विभाग के बंगले में नजरबंद कर दिया है. दोनों यहां प्रेस वार्ता करने के बाद हल्द्वानी जाने की तैयारी में थे.
दोनों हिंदूवादी नेता डासना गाजियाबाद में महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरि के शिष्य हैं. नजरबंद हिंदूवादी नेताओं का कहना है कि उत्तराखंड में समुदाय विशेष की गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. वह लंबे समय से यहां अवैध रूप से बनीं मस्जिद, मजारों और मदरसों को हटाने की मांग करते आ रहे हैं. इसको लेकर वह खून से लिखे 11,000 पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय भेज चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
दोनों नेताओं ने 20 जून को हल्द्वानी एसडीएम कार्यालय में आत्मदाह की चेतावनी दी थी. जिसके बाद कोटद्वार प्रशासन लगातार उनकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए था. बताया जा रहा है कि पुलिस उन्हें हल्द्वानी में गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही थी. लेकिन इस बीच कोतवाली पुलिस को उनके कोटद्वार में होने की सूचना मिली. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें दबोच लिया और सिंचाई विभाग के बंगले में कुछ समय के लिए नजरबंद कर दिया है।
यति परमानंद ने कहा जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं
कोतवाल कोटद्वार मणिभूषण श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि दोनों संतों द्वारा पूर्व में आत्मदाह करने की चेतावनी दी गई थी. इसके चलते उन्हें हल्द्वानी जाने से रोका गया है. वहीं यति परमानंद सरस्वती ने कहा कि उन्हें रुड़की, देहरादून, सऊदी अरब और बांग्लादेश से जान से मारने की धमकियां आ रही हैं. पुलिस ने मेरे ही ऊपर मुकदमा दर्ज कर लिया है, जो समझ से परे है।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना