

ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- आज एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने समाज को झकझोर कर रख दिया है। एक पिता, जो अपने ही घर में सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है, उसने अपनी नाबालिग बेटी के साथ जो किया, वह शर्मनाक और अमानवीय है। लेकिन न्याय व्यवस्था ने अपना काम किया है।”
देहरादून” विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट, अर्चना सागर की अदालत ने उस पिता को दोषी ठहराते हुए पाँच साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही, सरकार को पीड़िता को एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए गए हैं।”
“मामला जुलाई 2022 का है, जब रायवाला थाना क्षेत्र में पीड़िता की बड़ी बहन ने अपने पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि उसके पिता उसकी 17 वर्षीय छोटी बहन का यौन उत्पीड़न कर रहे थे। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि उसका पिता सेना से रिटायर्ड है। पहले भी उसने अपनी पत्नी को इतना प्रताड़ित किया कि उसने आत्महत्या कर ली। जेल से छूटने के बाद, आरोपी फिर से अपने बच्चों के साथ रहने लगा और छोटी बेटी पर जुल्म ढाने लगा।
पीड़िता ने अपनी बड़ी बहन को आपबीती बताई, जब आरोपी ने गलती से बड़ी बहन के साथ भी छेड़छाड़ कर दी। इसके बाद बड़ी बहन ने हिम्मत दिखाई और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, कोर्ट में सभी गवाहों और सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया गया है। उसे 5 साल की कठोर सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना दिया गया है। न्याय हुआ है, लेकिन यह घटना हमें झकझोर देती है कि घर में ही बेटियाँ सुरक्षित नहीं हैं।
“यह मामला हमें सोचने पर मजबूर करता है कि समाज में बेटियों की सुरक्षा के लिए हमें और क्या कदम उठाने होंगे। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बेटियाँ अपनी आवाज़ उठा सकें और दोषियों को कड़ी सजा मिले। फिलहाल के लिए बस इतना ही। आप अपनी राय हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं। इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि समाज में जागरूकता बढ़े। बने रहें [आपका चैनल नाम] के साथ, क्योंकि सच सबसे ज़रूरी है।