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Almora” में 2 लीसा श्रमिकों की भीषण वनाग्नि से जलकर मौत, दो महिलाएं गंभीर रूप से झुलसीं; पढ़िए पूरी ख़बर…

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड में जंगल में आग विकराल रूप ले रही है रोजाना इस आग में किसी न किसी के झुलसने के मामले सामने आ रहे हैं एक और मामला उत्तराखंड के अल्मोड़ा से सामने आया है जहां जंगल में लगी आग ने 2 लीसा श्रमिकों की जान ले ली. 2 लीसा श्रमिक गंभीर रूप से झुलस गई हैं. दोनों को अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के बेस परिसर में भर्ती कराया गया था. प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें इलाज के लिए हल्द्वानी भेज दिया गया है….

जिले की सोमेश्वर विधानसभा सीट के स्यूनराकोट के जंगल में भीषण आग लगी हुई है. तेज हवाओं के कारण गुरुवार को जंगल की आग ने विकराल रूप धारण कर लिया. वनाग्नि गांव की सीमा की ओर बढ़ने लगी. इस बीच जंगल में लीसा निकालने का काम कर रहे चार लीसा श्रमिक आग की लपटों के बीच में फंस गए, आग बुझाने का प्रयास करते करते हुए एक श्रमिक आग की भीषण लपटों की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. तीन लीसा श्रमिक गंभीर रूप से झुलस गए हैं. इन श्रमिकों को उपचार के लिए अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के बेस परिसर में भर्ती कराया गया है. अल्मोड़ा के अस्पताल में इलाज के दौरान एक और श्रमिक ने दम तोड़ दिया. लीसा श्रमिकों के वनाग्नि की चपेट में आने से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।

गुरुवार को प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत के पैतृक गांव स्यूनराकोट के जंगल में अचानक आग लग गई. आग ने कुछ ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया. वनाग्नि की इस घटना के दौरान जंगल में लीसा निकालने का काम कर रहे चार नेपाली श्रमिक आग की लपटों के बीच में फंस गए. चारों ने आग को बुझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन भीषण लपटों के बीच वह आग से अपने आप को बचाने में नाकामयाब साबित हुए. वनाग्नि की इस घटना में दीपक बहादुर नाम के नेपाली श्रमिक की दर्दनाक मौत हो गई है. तीन अन्य श्रमिक ज्ञानेश, तारा और पूजा गंभीर रूप से झुलस गए।

आनन फानन में ग्रामीणों की मदद से घायलों को जंगल से बाहर निकाला गया. मौके पर मौजूद लीसा ठेकेदार और पूर्व प्रमुख रमेश भाकुनी ने बताया कि हादसे की सूचना प्रशासन समेत इमरजेंसी सेवा 108 एंबुलेंस को दी गई. लेकिन सूचना के चार घंटे बाद भी एबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची. इस कारण घायलों को स्थानीय वाहनों से उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया. बेस अस्पताल के सीएमएस डॉ अशोक ने बताया कि अस्पताल में आग से झुलसे हुए तीन लोगों को लाया गया है. ये लोग करीब 90 प्रतिशत से अधिक जल चुके हैं. इनका प्राथमिक उपचार किया जा रहा है. अस्पताल में बर्न वार्ड नहीं है. वहीं इलाज के दौरान एक लीसा श्रमिक ज्ञानेश ने भी दम तोड़ दिया. तारा और पूजा को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर हल्द्वानी भेजा गया है।

वहीं अस्पताल में पहुंची पुलिस के एसआई कृष्ण कुमार बताया कि बेस अस्पताल से इस घटना की सूचना दी गई थी कि तीन लोग यहां जली हुई स्थिति में लाए गए हैं. जानकारी मिली है कि जंगल की आग की चपेट में चार लोग आए थे जिनमें से एक श्रमिक की मौके पर ही मौत हो गई. तीन श्रमिकों का बेस अस्पताल में उपचार किया जा रहा है. इधर अचानक हुए इस हादसे के बाद वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


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