ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- 9 साल पहले दो आशिकों के लिए पति की हत्या करने वाली पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. महिला के दोनों आशिकों को भी आजीवन कारावास के साथ 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. पत्नी ने अपने दो आशिकों के साथ मिलकर पति की हत्या करके शव शक्ति नहर में फेंक दिया था।
देहरादून:- अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ढकरानी विकासनगर की अदालत ने हत्या के नौ साल पुराने मामले में दोषी करार दिए गए पत्नी, उसके प्रेमी और प्रेमी के दोस्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दोषियों पर पचास-पचास हजार का अर्थ दंड भी लगाया गया है।
हरकेश की पत्नी निवासी लक्ष्मीपुर सहसपुर ने 16 अक्टूबर 2015 को सहसपुर थाना पुलिस को तहरीर दी कि उसके पति 15 अक्टूबर की रात को बाहर गए थे. उसके बाद पति वापस नहीं लौटे. इस संबंध में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी. पुलिस द्वारा जांच के दौरान हरकेश की पत्नी से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने सारे राज उगल दिए, हरकेश की पत्नी ने पुलिस को बताया कि उसका दो अन्य व्यक्तियों से प्रेम प्रसंग चल रहा है. तीनों ने योजना बनाकर हरकेश को जहरीला पदार्थ खिलाकर अचेत कर दिया. इसके बाद हरकेश की बॉडी को उसी रात शक्ति नहर में फेंक दिया था. उसके बाद हमने अपने बचाव के लिए उसकी थाना सहसपुर में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पुलिस ने हरकेश की पत्नी के साथ उसके प्रेमी हरीश उर्फ मोनू और दोस्त शुभम सैनी को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पूछताछ ने शुभम ने बताया कि उन्होंने कैसे हरकेश की हत्या की. शुभम की निशानदेही पर पुलिस ने भीमवाला पुल के नीचे से एक कंबल बरामद किया. तीनों ने बताया कि 15 अक्टूबर की रात को उन्होंने हरकेश को जहरीला पदार्थ खिलाकर मौत के घाट उतारा. उसके बाद कमरे में मौजूद सुबूत मिटाकर उसे शक्ति नहर में फेंक दिया. पुलिस ने इस मामले में हरकेश के भाई जीवन सिंह को वादी बनाकर आरोपियों की खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
करीब 9 साल तक कोर्ट में चली सुनवाई के बाद तीनों आरोपियों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नंदन सिंह की अदालत ने 9 जुलाई को दोषी करार दिया. जिस पर 11 जुलाई को सजा सुनाने की तिथि नियत की गई. जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता नरेश चंद्र बहुगुणा ने बताया कि अभियुक्त करार दिए गए तीनों हत्यारोपियों को गुरुवार को सजा सुनाकर जेल भी दिया है।