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“फ्लैट्स खेल मैदान हमारी सांस्कृतिक विरासत है, इसे लीज पर नहीं दिया जाएगा” – पालिका अध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल

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रिपोर्ट – अंकिता मेहरा

नैनीताल, 27 मई: नैनीताल का ऐतिहासिक फ्लैट्स खेल मैदान और डीएसए पैवेलियन अब किसी भी संस्था को लीज पर नहीं दिए जाएंगे। नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. सरस्वती खेतवाल की अध्यक्षता में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में यह सर्वसम्मत निर्णय लिया गया कि इस ऐतिहासिक धरोहर की जिम्मेदारी पूरी तरह से नगर पालिका ही संभालेगी और इसे सुरक्षित व संरक्षित रखा जाएगा।

सभा को संबोधित करते हुए डॉ. खेतवाल ने कहा, “फ्लैट्स मैदान केवल एक खेल स्थल नहीं, बल्कि नैनीताल की आत्मा है। यह न केवल स्थानीय खिलाड़ियों बल्कि पर्यटकों और आम नागरिकों के लिए भी एक बहुउपयोगी स्थल है। इस मैदान से तीन ओलंपिक खिलाड़ियों और सैकड़ों राष्ट्रीय प्रतिभाओं का जन्म हुआ है। इसे किसी भी सूरत में निजीकरण की भेंट नहीं चढ़ने दिया जाएगा।”

इतिहास से जुड़ी गौरवगाथा

पूर्व क्रीड़ा अधिकारी और डीएसए के लंबे समय तक महासचिव रहे घनश्याम लाल साह ने मैदान के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 1889 में यहां रामपुर फुटबॉल कप की शुरुआत हुई थी, और 1922 से यहां राष्ट्रीय स्तर की हॉकी प्रतियोगिताएं होती रहीं—even द्वितीय विश्व युद्ध के समय भी नहीं रुकीं। उन्होंने कहा, “यह मैदान हमारी पहचान है और इसे पालिका के अधीन ही रहना चाहिए।”

डीएसए ने रखा अपना पक्ष

डीएसए महासचिव अनिल गड़िया ने संस्था की पारदर्शिता पर उठे सवालों के जवाब में बताया कि डीएसए का नियमित ऑडिट हुआ है और सभी अभिलेख व्यवस्थित हैं। उन्होंने कहा, “बिना किसी सरकारी सहायता के संस्था ने दो वर्षों से खेल गतिविधियां लगातार जारी रखी हैं।”

सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय

सभा में शामिल सभी प्रतिनिधियों ने मैदान की रक्षा के लिए संघर्ष का ऐलान किया। फ्लैट सब-कमेटी के अध्यक्ष अंकित चंद्र, सभासद मनोज साह जगाती, प्रो. देवेंद्र सिंह बिष्ट, वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाश जोशी और आर्य समाज के प्रबंधक केदार सिंह रावत समेत सभी ने मैदान को किसी भी प्रकार के निर्माण या व्यावसायिक उपयोग से दूर रखने की मांग की।

“आर-पार की लड़ाई” का ऐलान

सभासद जितेंद्र पांडे ‘जीनू’, वरिष्ठ खिलाड़ी मनोज बिष्ट और भुवध बिष्ट सहित कई वक्ताओं ने मैदान के संरक्षण के लिए आर-पार की लड़ाई का संकल्प दोहराया। वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि इस मैदान पर किसी प्रकार का राजनीतिक या आर्थिक दबाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के 1995 के निर्णय का हवाला देते हुए पार्किंग जैसे निर्माण कार्यों को भी खारिज किया गया।

नगरवासी हुए एकजुट

बैठक में शहर के प्रमुख क्लबों के खिलाड़ी, समाजसेवी, बुद्धिजीवी और युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए। चंद्र लाल साह, राजेश साह, मुन्नी तिवारी, लता दफौटी, सपना बिष्ट, काजल आर्या, गीता उप्रेती, राकेश पंवार सहित कई प्रमुख नागरिकों ने मैदान के समर्थन में एकजुटता दिखाई और इसे नगर की अस्मिता से जुड़ा मुद्दा बताया।

Rajeev Chawla


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