ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- रुद्रपुर में स्थित श्री गुरु नानक शिक्षा समिति के खिलाफ एक गंभीर मामला सामने आया है। समिति के अध्यक्ष स. दिलराज सिंह, प्रबंधक गुरमीत सिंह और कर्मचारी पूरन पांडे पर करीब 31.26 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाया गया है।मामला तब सामने आया जब समिति के वित्तीय लेन-देन में अनियमितताएँ पाई गईं। 31.26 लाख रुपये के गबन की शिकायत समिति के अन्य सदस्यों ने की थी, कोर्ट के निर्देश पर रुद्रपुर पुलिस ने अब समिति के अध्यक्ष, प्रबंधक और कर्मचारी के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड़यंत्र की धाराओं में मामला दर्ज किया है। रुद्रपुर के इस बड़े वित्तीय गबन के मामले ने एक बार फिर से शिक्षा संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्व को सामने लाकर रख दिया है। समिति की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि अध्यक्ष और प्रबंधक ने इन आरोपों का खंडन किया था।
आपको जानकारी के मुताबिक श्री गुरु नानक शिक्षा समिति में लगभग 32 लाख रूपये के गबन का मामला जून महीने में सुर्खियों में आया था, इन आरोप के कारण शहर में इस मामले की तेजी से चर्चा हो रही थी।
बता दें कि समिति के कोषाध्यक्ष और आजीवन सदस्य अमरदीप सिंह नें समिति के अध्यक्ष दिलराज सिंह और प्रबंधक गुरमीत सिंह पर समिति के खातों से 113 चेको के माध्यम से लगभग 32 लाख रूपये के गबन का आरोप लगाया था, जिसका समिति के अध्यक्ष सरदार दिलराज सिंह और प्रबंधक गुरमीत सिंह नें 24 जून 2024 को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन आरोपों का खंडन किया था और पुलिस नें अपनी जाँच रिपोर्ट में जहाँ 17 लाख के गबन होने की बात लिखी थी। जिसकी बैंक कर्मियों से रिकवरी दिखा कर मामले को रफा दफा करने का काम कर दिया था। पर कोषाध्यक्ष पक्ष इस जाँच रिपोर्ट से असंतुष्ट था और उन्होंने सीधा न्यायालय की शरण ली, जहाँ न्यायालय नें भी खातों में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए समिति के अध्यक्ष और प्रबंधक गुरमीत सिंह पर FIR करने के आदेश 28 अक्टूबर 2024 को दिए थे।
बता दें की वर्ष 2023 में समिति के कोषाध्यक्ष और आजीवन सदस्य सरदार अमनदीप सिंह नें पुलिस में समिति के अध्यक्ष और प्रबंधक गुरमीत सिंह के खिलाफ तहरीर दी की दोनों के द्वारा कर्मचारी पूरन पांडेय और बैंक से मिली भगत कर समिति के कैनरा बैंक के खाते से दिनांक 1-5-2021 से 1-12-2022 के मध्य कुल 113 चेको के माध्यम से 31.26 लाख रूपये का गबन किया गया है।
शिकायतकर्ता कोषाध्यक्ष नें ये भी कहा कि किसी भी अवस्था में बड़े पैसों का भुगतान किसी भी व्यक्ति को उसके नाम के चेको के माध्यम से होता है पर अध्यक्ष और प्रबंधक द्वारा सेल्फ के चेको के माध्यम से ये पैसे निकाले गए हैं। जिस पर CO निहारिका तोमर द्वारा जाँच के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी,जिसमें 53 चेको के माध्यम से 17 लाख रूपये निकालना वर्णित किया गया और उस पैसे की भरपाई बैंक द्वारा गलती स्वीकारते हुए कर पैसों की भरपाई कर दी गई है। जबकि समिति के खाते में जो धनराशि आई है वो विभिन्न दान दाताओ के खाते से आई थी जो की दान दाताओ द्वारा दिया गया दान था ना की गबन किए हुए पैसे की रिकवरी थी।
शिकायतकर्ता अमरदीप सिंह की याचना पर कोर्ट नें ये माना की शिकायतकर्ता के प्रार्थनापत्र में वर्णित तथ्यों और पुलिस की जाँच रिपोर्ट के आधार पर प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध कारित किया जाना दर्शित होता है। और इसी के साथ वादी के प्रार्थना पत्र को स्वीकारते हुए थानाध्यक्ष रुद्रपुर को धारा 156 (3) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जाँच करने के आदेश दिए। हालांकि यहाँ न्यायालय नें ये भी आदेशित किया की वो इस मामले में तब तक कोई गिरफ़्तारी नहीं करेंगे जब तक की ये आवश्यक ना हो। बता दें की कोर्ट के आदेश के बाद रुद्रपुर पुलिस नें आईपीसी की धारा 120 बी – ( आपराधिक षड़यंत्र/ साजिश ),आईपीसी की धारा 201 – अपराध के साक्ष्य को गायब करना, अपराधी को छुपाने के लिए गलत जानकारी देना, आईपीसी की धारा 401 – धोखाधड़ी के लिए सजा, और आईपीसी की धारा 420 – धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना, जैसी धाराओं में प्रबंधक गुरमीत सिंह,अध्यक्ष दिलराज सिंह, और कर्मचारी पूरन पांडे पर कल दिनांक 5 नवंबर 2024 को मुकदमा दर्ज कर लिया।