

ख़बर पड़ताल ब्यूरो:– जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी योजना की प्रोत्साहन राशि हड़पने के बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। ऑडिट के दौरान कोख से कमाई का यह खेल पकड़ा गया, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
मामला आगरा की फतेहाबाद सीएचसी का है, जहां 32 वर्षीय कृष्णा कुमारी के नाम पर कागज़ों में ढाई साल में 25 बार डिलीवरी और पांच बार नसबंदी दिखाकर करीब 45 हज़ार रुपये की सरकारी राशि हड़प ली गई। जबकि हकीकत ये है कि कृष्णा कुमारी पिछले 8 साल से मां ही नहीं बनी हैं।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव:
“महिला के बयान दर्ज किए गए हैं। उसने बताया कि उसका गांव नगला कदम है और वह अपने पति के साथ गुरुग्राम में रहती हैं। 2017 के बाद कोई डिलीवरी नहीं हुई है। यह पूरी तरह से फर्जीवाड़ा है।”
कृष्णा कुमारी ने बताया कि उसका बैंक खाता उसके रिश्तेदार अशोक ने पेंशन दिलाने के बहाने खुलवाया था। खाते में उसका मोबाइल नंबर तक नहीं जोड़ा गया, जिससे उसे ट्रांजेक्शन की कोई जानकारी नहीं मिली।
जांच में सामने आया है कि अशोक नामक व्यक्ति ने गांव की 45 महिलाओं के बैंक खाते खुलवाए और सभी में अपना मोबाइल नंबर जोड़ा। फर्जीवाड़ा कर लाभार्थी के नाम पर पैसा ट्रांसफर करवाया और यूपीआई के जरिए खुद निकालता रहा।
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव:
“सीएचसी फतेहाबाद पर 2022-23 में कार्यरत चिकित्सकों और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। दोषी पाए जाने पर इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रिकवरी की जाएगी।”
जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी योजना के तहत पूरे जिले में 2021-22 और 2022-23 में किए गए भुगतान का ऑडिट कराया जा रहा है। प्रारंभिक रिपोर्ट में लगभग 9 लाख रुपये के फर्जी भुगतान का खुलासा हुआ है।
घोटाले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. पिंकी जोवल खुद जांच के लिए आगरा पहुंची हैं। वह दो दिन तक विभिन्न सीएचसी और संस्थानों का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेंगी।
यह घोटाला स्वास्थ्य योजनाओं की जमीनी हकीकत को उजागर करता है। जरूरतमंद महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित कर कुछ लोग सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। अब देखना होगा कि दोषियों पर कब और कैसी कार्रवाई होती है।