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चारधाम यात्रा:- गंगोत्री और यमुनोत्री में बिगड़े हालातों को संभालने के लिए उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के इस IG को उतारा मैदान में, सौंपी बड़ी जिम्मेदारी…

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ती बीज के चलते हालात बिगड़ते जा रहे हैं बता दें की गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगातार जारी है. ऐसे में दोनों धामों में सभी व्यवस्थाओं को सुचारू रखना राज्य सरकार के लिए चुनौती है, इसलिए आईजी अरुण मोहन जोशी को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की व्यवस्थाओं को संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई है…

राज्य सरकार ने आईजी अरुण मोहन जोशी को गंगोत्री और यमुनोत्री में भीड़ को नियंत्रित करने, जाम की समस्या और पार्किंग के साथ-साथ यात्रियों से अच्छा व्यवहार हो, इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. दरअसल आईजी अरुण मोहन जोशी को इस व्यवस्था में इसलिए लगाया गया है, क्योंकि उनके पास न केवल बड़े मेलों को सकुशल संपन्न करने का अनुभव है, बल्कि उनके द्वारा हरिद्वार में ऐसा काम किया गया है. जिसको आज भी कुंभ मेला, कांवड़ मेला और अन्य गंगा स्नान में इंप्लीमेंट किया जाता है।

पुलिस विभाग ने अरुण मोहन जोशी को गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे महत्वपूर्ण टास्क की जिम्मेदारी दी है. जिसके तहत उन्होंने गंगोत्री और यमुनोत्री का दो दिवसीय दौरा किया था. वापस लौटने के बाद उन्होंने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे आने वाले दिनों में या आने वाले सालों में हम यात्रियों को सकुशल यात्रा करवा सकते हैं. दोनों धामों में भीड़ के मैनेजमेंट को लेकर किस स्तर पर काम किया जा सकता है, इसको लेकर भी अरुण मोहन जोशी ने कई तरह की बातें और सुझाव दिए हैं. साथ ही पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चर, डंडी कंडी व्यवस्था और उत्तरकाशी से लेकर गंगोत्री और यमुनोत्री तक किन-किन जगहों पर पार्किंग और यात्रियों के रुकने की व्यवस्था हो सकती है, इसको लेकर भी कई तरह के सुझाव अपनी रिपोर्ट में दिए हैं. राज्य सरकार जल्द ही इस रिपोर्ट को धरातल पर उतरने की कोशिश करेगी।

आज भी फॉलो किया जाता है अरुण मोहन जोशी का प्लान

साल 2012 के कांवड़ मेले में जब अरुण मोहन जोशी हरिद्वार के पुलिस कप्तान थे, तब उन्होंने पूरे हरिद्वार की भौगोलिक स्थिति को जानते हुए एक रोड मैप तैयार किया था. इस रोड मैप में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के साथ-साथ कुमाऊं क्षेत्र से आने वाले वाहनों को कैसे शहर में प्रवेश दिया जाए, कांवड़ मेले में होने वाली भीड़, बड़े वाहनों के साथ-साथ अंतिम दिनों में मोटरसाइकिलों को किस तरह से शहर में दाखिल और सकुशल बाहर तक भेजा जाए, इसकी व्यवस्था की गई थी. खास बात यह है कि साल 2020 में कुंभ मेला हो या फिर साल 2012 के बाद अब तक होने वाले कांवड़ मेले में इस व्यवस्था को आगे बढ़ाया जा रहा है. यह व्यवस्था हरिद्वार शहर के लिए कितनी कारगर साबित हुई, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब शहर में मेले का दबाव बहुत कम दिखाई देता है. अमूमन मेले में आ रही गाड़ियां कुंभ क्षेत्र बैरागी कैंप और अन्य जगहों पर पार्क हो जाती हैं।

भीड़ अधिक होने से बनाई गईं और व्यवस्था

आईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि उन्होंने गंगोत्री और यमुनोत्री में तमाम व्यवस्थाओं को देखा है और यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से उन्होंने बात भी की है. भीड़ अधिक होने की वजह से कुछ व्यवस्था और बनाई गई हैं और आने वाले दिनों में यात्रा और भी बेहतर तरीके से चलेगी।


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