ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- विवाहित छात्रा को कक्षा में बैठने की अनुमति न दिए जाने का मामला सुर्खियों में है. अब जांच अधिकारी डीईओ चंदन बिष्ट ने स्कूल पहुंचकर पूरे मामले की जांच की. साथ ही रिपोर्ट मुख्य शिक्षा अधिकारी को भेज दिया है।
अल्मोड़ा: छात्रा को उसकी शादी हो जाने के बाद कक्षा में न बैठने देने का मामला सुर्खियों में है. मामले ने तूल पकड़ा को शिक्षा विभाग की ओर से जांच की गई. मुख्य शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी चंदन सिंह बिष्ट स्कूल पहुंचे और पूरे मामले की जांच की।
अल्मोड़ा जिला शिक्षा अधिकारी चंदन सिंह बिष्ट ने कहा कि छात्रा को विद्यालय में पढ़ने की अनुमति न दिए जाने के संबंध में जांच की गई है. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि साल 2024 में कक्षा 11 में कुल 6 छात्राएं परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गई थी. अनुत्तीर्ण छात्राओं में यह छात्रा भी शामिल थी. जब उपस्थिति पंजिका को देखा गया तो इस शैक्षिक सत्र 2024-25 में छात्रा का नाम पंजीकृत मिला. साथ ही उसका नाम विद्यालयी अभिलेखों से निष्कासित नहीं किया गया है.
वहीं, कक्षाध्यापिका मनोविज्ञान प्रवक्ता सीमा जोशी ने उसका शुल्क जमा किया. शुल्क जमा होने के बाद उसका भुगतान छात्रा ने कर दिया था. उपस्थिति पंजिका में पाया गया कि जुलाई 2024 में सिमरन 10, 12, 15, 18, 19, 20, 23, 24 जुलाई को विद्यालय में उपस्थित भी रही. बाकी दिन वो अवकाश पर थी. उन्होंने बताया कि बीती 28 जुलाई को छात्रा का एक युवक के साथ निकाह हुआ था।
निकाह के बाद छात्रा की सास और उसकी माता ने स्कूल पहुंच कर प्रधानाचार्या से पूछा था कि विवाहित होने के बाद वो (छात्रा) विद्यालय में अध्ययन कर सकती है या नहीं? जिस पर प्रधानाचार्या ने उन्हें बताया था कि उच्चाधिकारियों से पूछने के बाद ही आपको इसके बारे में बताया जाएगा. वहीं, इससे पहले छात्रा और उसकी सास ने माहौल खराब होने का हवाला देकर क्लास में न बैठाने का आरोप लगाया था।
वहीं, जांच अधिकारी डीईओ चंदन बिष्ट ने कहा कि आज गुरुवार यानी 8 अगस्त को कक्षा में जाकर देखा तो छात्रा अपनी कक्षा में उपस्थित थी. छात्रा से पूछने पर उसने बताया कि विद्यालय में अध्ययन करने में उसे किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आ रही है. इसके बाद जांच रिपोर्ट को मुख्य शिक्षा अधिकारी को भेज दिया गया है।