ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- पुरी में जगन्नाथ जी, उनके भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा बीमार हो गए हैं. प्राचीन परंपरा के अनुसार अब 14 दिन तक भगवान आराम करेंगे. भगवान का स्वास्थ्य बिगड़ा होने के चलते मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद कर दिया गया है. प्राचीन परंपरा के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर 108 घड़ों से देव स्नान करने के बाद भगवान बीमार हो जाते हैं।
स्नान पूर्णिमा के दिन स्नान वेदी पर दिव्य स्नान करने के बाद भगवान बुखार से पीड़ित हो गए हैं। इसलिए अणवसर (बुखार घर) प्रभु का इलाज चल रहा है। यहां चतुर्धा विग्रह की गुप्त नीति चल रही है, ऐसे में अब जब तक भगवान बुखार से स्वस्थ नहीं हो जाते हैं, तब तक पुरी जगन्नाथ मंदिर में भक्तों को महाप्रभु का दर्शन नहीं मिलेगा। अब 7 जुलाई को ही महाप्रभु का भक्त नेत्रोत्सव एवं नवयौवन दर्शन कर पाएंगे। इस दौरान चतुर्धा विग्रह की जगह पट्टीदीअ (पार्श्व देवी देवता) पूजा की जाएगी।
भगवान जगन्नाथ के स्थान पर नारायण, बलभद्र जी के स्थान पर अनंत वासुदेव और देवी सुभद्रा के स्थान पर भुवनेश्वरी देवी की पट्टीदीअ के रूप में पूजा की जाएगी।
इसके लिए देर रात पट्टी दिअ एवं अन्य देवी देवता दोलगोविंद, मदनमोहन, लक्ष्मी, सरस्वती, राम, कृष्ण और नृरसिंह के पट्टीदीअ को श्रीमंदिर में बिजे किया गया है। उधर, देर रात को बाहुड़ा पहंडी की समाप्ति के बाद श्रीजिउ को सोना चिता, एवं राहूलेखा मइलम नीति सम्पन्न की गई।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना