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“क्राइम का गढ़ बना उधमसिंहनगर”:- रंजिश, जमीन और वर्चस्व, एक तरफा प्यार के लिए कई बार लाल हुआ ये जिला, अपराधियों के आगे घुटने टेक रही कानून व्यवस्था…

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:-  उत्तराखंड के उधम सिंह नगर का नाम शहीद उधमसिंह के नाम पर रखा है, एक समय था जब उत्तराखंड में अपराध के मामले बहुत कम ही सामने आते थे, अगर अब की बात करें तो देखा जाए तो बलात्कार, हत्या, गोलीबाजी, अपहरण, नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले बीते कुछ सालों से बहुत बढ़ गए हैं और रोजाना सामने आ रहे हैं अपराध के मामलों में उधम सिंह नगर नंबर 1 पर आने लगा है जहां रोजाना हत्या, दुष्कर्म, गोलिबाजी के मामले देखने को मिल रहे हैं और अब अपराधियों द्वारा धार्मिक गुरुओं को अपना शिकार बनाया जा रहा है, जिले में मात्र एक दो महीने के अंदर ही जाने माने दो धार्मिक गुरुओं की दिन दहाड़े हत्या कर दी है…”

 

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 

बीते दिनों नानमकत्ता डेरा कार सेवा के संत बाबा तरसेम सिंह की दिनदहाड़े गोलियां मारकर हुई हत्या ने कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। चुनाव में कड़ी सुरक्षा के बीच हत्यारे बेखौफ होकर डेरे में घुसे और तरसेम सिंह को गोली मारकर राइफल लहराते फरार हो गए। उधम सिंह नगर जिले में हत्याकांड की गूंज पंजाब तक पहुंच गई है। तराई में इससे पहले भी रंजिश, जमीन, वर्चस्व और सनक की वजह से हत्या की वारदात होती रहीं हैं। बेहद सुरक्षित माने जाने डेरे में हुई हत्या ने पुलिस के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। अपराधियों के आगे कानून व्यवस्था घुटने टेक रही है, एक तरफ जहां पुलिस प्रशासन द्वारा अपराध पर अंकुश लगाने के बड़े बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन वास्तव में हकीकत क्या है ये सबके सामने हैं, शराब तस्कर( नशे के सौदागर) को पकड़ने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस द्वारा जिले में कानून व्यवस्था के बड़े बड़े कसीदे पढ़े जाते हैं लेकिन सच तो है की जिले के कई शहर में नशे का खुलेआम सौदा किया जाता है।

खबर पड़ताल द्वारा नशे के खिलाफ शहर में मुहिम चलाई गई थी जिसके बाद पुलिस कहने को मात्र एक्शन में आ गई थी लेकिन वास्तव आज भी शहर के कई ऐसे इलाकों में खुलेआम नशे की तस्करी की जाती है जिसमे बड़े बड़े नेता और अधिकारी भी शामिल हैं, जिनका नाम कभी उजागर नहीं होता है।

जहां उधम सिंह नगर जिले में अपराध बढ़े हैं तो वहीं पुलिस ने वर्कआउट भी किया, कई शातिर अपराधियों को हवालात के पीछे भी पहुंचाया लेकिन अपराधियों की धरपकड़ के बाद भी रोजाना अपराध के मामले सामने आ रहे हैं…

बीती चार जनवरी की रात सीएम धामी के करीबी माने जाने वाले खटीमा के भारामल मंदिर के महंत श्री हरिगिरि महाराज और उनके सेवादार रूपा की लाठी डंडों से पीटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने करीब 25 दिन बाद हत्या का खुलासा कर तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। आंकड़ों पर गौर करें तो तराई में दोहरे से लेकर चौहरा हत्याकांड तक हो चुके हैं। इनमें जमीन, वर्चस्व, रंजिश, अवैध संबंध और एकतरफा प्रेम वजह बनकर सामने आए हैं। वहीं सितारगंज के शक्तिफार्म में दिसंबर 2014 को बाइक सवार तीन शूटरों ने पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रताप बिष्ट पर 20 राउंड फायरिंग कर हत्या कर दी थी। खनन के वर्चस्व में हुई हत्या से पूरा जिला दहल गया था। सात जनवरी 2018 को सितारगंज में पुरानी रंजिश के चलते नगर कीर्तन में ही दिनदहाड़े दो लोगों की तलवार और गोलियों से हत्या कर दी गई थी। यह घटना बेहद सुर्खियों में रही थी। इस मामले में सात हत्यारोपियों को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। बीते 29 दिसंबर को नानकमत्ता में एक परिवार के चार लोगों की लूट के मकसद से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सात हत्यारोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।

जानिए जिले के चर्चित हत्याकांड..

– वर्ष 2014 में नानकमत्ता जलाशय में कट्टों में एक युवक और युवती के टुकड़े मिले थे। पुलिस ने मामले में बनबसा के निजी अस्पताल संचालक और उसके चालक को गिरफ्तार किया था। युवक अस्पताल का कर्मचारी था, जबकि युवती नर्स थी। हत्यारोपियों ने दोनों की हत्या कर शवों के टुकड़े कर दिए थे।

– 31 अक्तूबर 2016 की रात नानकमत्ता में चुनावी रंजिश में कनिष्ठ ब्लाक प्रमुख सतनाम सिंह उर्फ सोनू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने हत्या में लिप्त तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था और कोर्ट ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

– 12 अक्तूबर 2020 को रुद्रपुर के भदईपुरा में पार्षद प्रकाश धामी की शूटरों ने गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। वर्चस्व के चलते यूपी और दूसरे जगहों से शूटर बुलाकर हत्या कराई गई थी। दिनदहाड़े गोलियों से प्रकाश का मोहल्ला दहल गया था।

– जसपुर के भोगपुर गांव में 17 अगस्त 2021 को जीत कौर और उसकी बेटी परमजीत कौर की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। तलाकशुदा पत्नी की दूसरी जगह शादी होने से नाराज होकर युवक ने साथियों के साथ हत्याकांड को अंजाम दिया था।

– 15 जून 2021 को रुद्रपुर के प्रीतनगर मलसी गांव में खेत में मेढ़ के विवाद में दो सगे भाईयों गुरकीर्तन और गुरपेज की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आरोपी को लाइसेंसी राइफल के साथ गिरफ्तार कर लिया था।

– एक सितंबर 2022 को काशीपुर में एकतरफा प्यार में युवक ने युवती और उसकी की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी। आरोपी खून से सने चाकू के साथ पुलिस चौकी पहुंच गया था। उसने प्यार ठुकराने पर आवेश में आकर हत्या को अंजात दिया था।

13 अक्टूबर 2022 को काशीपुर में कुंडेश्वरी पुलिस चौकी क्षेत्र के जुड़का नंबर 2 में स्टोन क्रशर मालिक महल सिंह की दिनदहाड़े बाइक सवार दो युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात को बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के अंदाज में ही अंजाम दिया गया था। हत्या की साजिश एनआरआई ट्रांसपोर्टर ने कनाडा में बैठे-बैठे रची थी।

– सात जून 2023 को केलाखेड़ा के रंपुराकाजी में रुपये और रंजिश में जोगेद्रों और गुरमीत की हथियारों से काटकर नृशंस हत्या कर दी गई थी। दोनों के शवों के टुकड़े कर नदी में बहा गए थे। पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था।

– दो अगस्त 2023 की रात रुद्रपुर के ट्रांजिट कैंप में घर में घुसकर एक सनकी ने दंपती संजय और सोनाली की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। अभियुक्त ने मृतक की सास को भी घायल कर दिया था। पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा था और एकतरफा प्यार में घटना को अंजाम दिया था।

– 25 नवंबर 2023 को काशीपुर के मोहल्ला लक्ष्मीपुर पट्टी में तंत्रमंत्र के चलते पिता ने दो बेटियों की हत्या कर दी थी। दोनों पर पिता को ऊपरी साया होने का शक था। दोनों बेटियों को भूखा रखने के बाद हत्या की गई थी। पुलिस ने पिता अली हसन को जेल भेज दिया था।


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