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CAA पर रोक लगाने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई, केंद्र को नोटिस कर मांगा जवाब; 9 अप्रैल को अगली सुनवाई…

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:-नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में कई याचिकाएं अदालत में दायर की गईं हैं। इन सभी याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सीएए पर किसी भी तरह की रोक लगाने से इनकार कर दिया है। अदालत ने केंद्र सरकार से नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 पर रोक लगाने की मांग करने वाले आवेदनों पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा।

2019 का नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और हाल ही में केंद्र सरकार की ओर जारी किए गए इससे संबंधित नियम संवैधानिक तौर पर दुरुस्त हैं या नहीं, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. कोर्ट ने सीएए नियमों को लागू करने के खिलाफ अर्जियों पर रोक नहीं लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 8 अप्रैल तक का वक्त दिया है. अब इस मामले में सुनवाई 8 अप्रैल को होगी।

 

देश के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिसरा की पीठ 230 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई की. पिछले हफ्ते 11 मार्च (सोमवार) को भारत सरकार सीएए के तहत नागरिकता देने वाले नियमों होले से लेकर आई जिसका अर्थ था कि चार बरस से लटका हुआ विवादित कानून सीएए लागू हो चुका है.

आज सुनवाई के दौरान एसजी ने कहा कि 236 याचिकाएं हैं और मुझे जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए. सीजेआई ने कहा कि हम जवाब देने के लिए सरकार को समय देते हैं और जो आवेदन दाखिल हुए हैं उन पर नोटिस जारी करते हैं।

सीजेआई ने कहा कि जिन याचिकाओं पर नोटिस नहीं हुआ है और आवेदनों पर नोटिस नहीं हुआ है, उनको नोटिस जारी करते हैं. सीजेआई ने कहा कि सरकार को जवाब दाखिल करने देते हैं. फिर नियमों पर रोक लगाने पर सुनवाई करेंगे।

वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने कहा कि असम और उत्तर पूर्व को धारा 6बी से बाहर रखा गया है. अन्य लोग पड़ोसी राज्यों से असम आएंगे. इसमें कहा गया है कि मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा धारा 6(बी)(4) से पूर्ण हैं. सीजेआई ने एसजी से पूछा कब जवाब दाखिल कर देंगे. एसजी ने कहा कि चार सप्ताह में जवाब दाखिल कर देंगे।

इसपर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि साढ़े चार साल में नियम नहीं लागू किए गए और अब किए गए. अगर नागरिकता देनी शुरू हो गई तो याचिकाएं बेकार हो जाएंगी. सिब्बल ने कहा कि चार सप्ताह जवाब दाखिल करने के लिए ज्यादा हैं और जवाब दाखिल करने तक रोक लगाई जा सकती है।

सिब्बल ने कहा कि आखिर चार साल बाद इतनी क्या जल्दबाजी थी, जबकि पहले कोर्ट में कहा था नियम नहीं लागू होंगे. कपिल सिब्बल ने कहा कि एसजी ने 22 जनवरी, 2019 को कहा था कि हम नियम लागू नहीं करने जा रहे. ऐसे में रोक लगाने की जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से कभी इंकार नहीं किया. सीजेआई ने कहा कि हम दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का समय सरकार को देते हैं. एसजी ने कहा कि ठीक है।


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