रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना
ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उधमसिंहनगर पुलिस ने एक इनामी आरोपी को पकड़ने में 21 साल लगा दिए, आरोपी पुलिस के हत्थे तब चढ़ा जब वह अपनी जिंदगी कई साल आराम से काट चुका था, जब वह अपने बच्चों की शादी कर उनके बच्चों को गोदी में खिला रहा था। जी हां हमारे देश में कानून तो लचीला है जहां एक अपराधी को सजा मिलने में सालों लग जाते हैं, वहीं पुलिस की कार्रवाई भी कोई कम लचीली नहीं है, जहां एक आरोपी को पकड़ने में पुलिस सालों साल लगा देती है।
बता दें की नाबालिग के अपहरण मामले में फरार चल रहे 25 हजार का इनामी बदमाश पुलिस ने उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया। 2003 में उसके विरुद्ध नाबालिग को बहला फुसला कर ले जाने की प्राथमिकी पंजीकृत की थी। उसकी गिरफ्तारी न होने पर न्यायालय ने उसे 2004 में मफरुर घोषित कर दिया था। उसके बाद पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था।
बता दें की 12 मार्च 2003 को विजेंद्र निवासी गांव सेलोर थाना गोधनी जिला सिवान बिहार हाल निवासी चुटकी देवरिया थाना किच्छा ने थाने में तहरीर दी थी की उसकी 13 साल की नाबालिग बेटी जो कक्षा 3 में पढ़ती है और रोज की तरह स्कूल गई थी और शाम को घर वापस नहीं लौटी। तलाशने पर पता चला की उसकी बेटी को सुरेंद्र महतो निवासी थाना महुआ थाना बरमटियागंज बिहार बहला फुसलाकर ले गया है, पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की, जांच में पाया गया की सुरेंद्र और उसके छोटे भाई छोटेलाल द्वारा नाबालिग का अपहरण किया गया था।
बता दें की साल 2004 में छोटेलाल को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था और तभी से आरोपी सुरेंद्र लगातार फरार चल रहा था। 14 अक्टूबर 2004 को आरोपी सुरेंद्र को कोर्ट द्वारा मफरूर घोषित किया गया था, और उसकी गिरफ्तारी को लेकर एसएसपी ने इनाम घोषित किया था, पुलिस लगातार आरोपी को गिरफ्तारी के लिए लगातार बिहार और उत्तर प्रदेश में खोजबीन कर रही थी लेकिन वह बार बार पुलिस को चकमा दे रहा था, पुलिस टीम आरोपी की तलाश में 21 सितंबर 2024 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में मामूर थी की तभी टीम को फरार आरोपी के बारे में सूचना मिली की आरोपी सुरेंद्र देवरिया जिले में छिपकर रह रहा है, मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी को ग्राम चंदौली थाना सुरौली देवरिया उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं आरोपी ने पूछताछ मपर अपने जुर्म की स्वीकारोक्ति करते हुए बताया कि साहब जब मैंने यह अपराध किया था तो उस समय मेरी उम्र 40 साल के लगभग थी। मेरे छोटे भाई के कहने पर मेरे से यह गलती हुई थी। मैं किच्छा में चुटकी देवरिया में ठेकेदारी का काम करता था। तब हम दोनों एक नाबालिक लड़की लेकर बिहार भाग गए थे। उसके बाद में बिहार से झारखंड में जाकर छिप गया था। वहां मैं धान रोपने का काम करता था फिर काफी समय में गोरखपुर भी छुप कर रहा और अब मैं देवरिया में दिहाड़ी मजदूरी का काम कर रहा था। इतने साल बीत गए तो मुझे लगा कि पुलिस अब मुझे कभी गिरफ्तार नहीं कर पाएगी।