
ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- आज उत्तराखंड में निकाय चुनाव के दौरान पूरे प्रदेश में हरीश रावत का नाम चर्चाओं में रहा, क्योंकि उन्होंने आरोप लगाया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से गायब है, बता दें कि इस मामले पर हरीश रावत ने निर्वाचन आयोग से जानकारी मांगी, जिसके बाद देर शाम जिलाधिकारी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल है।
हरीश रावत ने जानकारी दी कि वे देहरादून के वार्ड नंबर 76 में मतदान करने पहुंचे थे। लेकिन जब उनके कार्यकर्ताओं ने मतदाता सूची में नाम खोजना चाहा, तो उन्हें नाम नहीं मिला। इस पर हरीश रावत ने चिंता जाहिर करते हुए इसे बीजेपी की साजिश बताया।
हरीश रावत:
“यह सिर्फ मेरा मामला नहीं है। दलित और कमजोर वर्ग के मतदाताओं के नाम भी सूची से काटे जा रहे हैं। भाजपा की ये रणनीति लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास है।”
जिलाधिकारी, देहरादून:
“हरीश रावत का नाम वोटर लिस्ट में मौजूद है। सूची में नंबर 488 पर उनका नाम दर्ज है। यह जानकारी देर शाम निर्वाचन कार्यालय ने स्पष्ट कर दी है।”
हरीश रावत ने इस घटना को लेकर कहा कि उन्हें पहले से सतर्क रहना चाहिए था। उन्होंने आगे से इस मामले में विशेष ध्यान देने की बात कही।
हालांकि, इस घटना ने चुनावी प्रक्रिया और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हरीश रावत ने निर्वाचन आयोग से इस तरह की अनियमितताओं को गंभीरता से लेने की अपील की है, भले ही देर शाम इस मामले पर स्थिति साफ कर दी गई हो, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री के नाम पर हुआ यह विवाद निकाय चुनाव की पारदर्शिता को लेकर नई बहस को जन्म दे गया है।