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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड पुलिस ने उच्च अधिकारियों के नाम का दुरुपयोग कर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। ठगों ने पुलिस महानिदेशक (DGP) के नाम से पुलिस अधीक्षक (SP) को व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर 50,000 रुपये की मांग की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी रुद्रप्रयाग अक्षय प्रहलाद कोंडे ने तुरंत एफआईआर दर्ज करवाई। जांच के बाद चार आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है।
कैसे हुआ मामला उजागर?
जनवरी में एसपी रुद्रप्रयाग अक्षय प्रहलाद कोंडे के सरकारी (CUG) नंबर पर एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप मैसेज आया, मैसेज भेजने वाले ने खुद को उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक (DGP) दीपम सेठ बताया। उसने 50,000 रुपये बैंक खाते में ट्रांसफर करने की मांग की। पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी, क्योंकि वरिष्ठ अधिकारी इस तरह की मांग नहीं कर सकते थे।
जांच और गिरफ्तारियां
मामले की जांच निरीक्षक राकेश कुमार, प्रभारी साइबर सेल को सौंपी गई, मोबाइल नंबर और बैंक खाते की लोकेशन महाराष्ट्र और राजस्थान में ट्रेस हुई, पुलिस ने विशेष टीम बनाकर राजस्थान और महाराष्ट्र में छापेमारी की, करीब एक महीने की जांच के बाद राजस्थान के बीकानेर में चार आरोपी पकड़े गए।
गिरफ्तार आरोपी
1. राजू प्रजापत (पुत्र दौलतराम प्रजापत)
2. ललित किशोर उपाध्याय (पुत्र प्रकाश चंद उपाध्याय)
3. बलवान हुसैन (पुत्र मोहम्मद अनवर)
4. मोहम्मद अयूब (पुत्र मोहम्मद सलीम)
आगे की कार्रवाई
चारों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर रुद्रप्रयाग लाया गया, कोर्ट के आदेश के बाद सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया, पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और उनके बैंक खातों व डिजिटल लेनदेन की जांच जारी है।