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*Uttarakhand” दवा कारोबारी से टेंडर का झांसा देकर 52 लाख की धोखाधड़ी, मुख्यमंत्री के पूर्व निजी सचिव समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज; पढ़िए पूरा मामला..*

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Uttarakhand” से धोखाधड़ी के नए नए मामले सामने आ रहे हैं जहां कभी फर्म के नाम पर तो कभी ट्रेंडर के नाम पर ठगी के मामले देखने को मिल रहे हैं, बता दें की हरिद्वार में स्वास्थ्य विभाग को दवा सप्लाई के ई-टेंडर दिलाने का झांसा देकर दवा कारोबारी से 52 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। मामले में शहर कोतवाली में मुख्यमंत्री के पूर्व निजी सचिव प्रकाश चंद उपाध्याय सहित छह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है…

बता दें कि सेक्टर-सात हरिद्वार निवासी शिकायतकर्ता रामकेवल ने पुलिस को बताया कि उनकी जेआर फार्मास्यूटिकल नाम से सिडकुल हरिद्वार में फैक्ट्री है। वर्ष 2022 में उनके परिचित पटियाला पंजाब निवासी धीरज ऋषि ने उनकी मुलाकात सौरभ वत्स उर्फ सौरभ शर्मा निवासी देहरादून से कराई। सौरभ वत्स ने खुद को उत्तराखंड सचिवालय में विशेष कार्याधिकारी पद पर कार्यरत बताया। रकम वापस मांगने पर आरोपितों ने रिसार्ट में बुलाकर दवा कारोबारी को जान से मारने की धमकी भी दी। आरोपितों के खिलाफ पूर्व में भी इसी तरह ई-टेंडर दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में दो मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

सेक्टर-सात हरिद्वार निवासी शिकायतकर्ता रामकेवल ने पुलिस को बताया कि उनकी जेआर फार्मास्यूटिकल नाम से सिडकुल, हरिद्वार में फैक्ट्री है। वर्ष 2022 में उनके परिचित पटियाला, पंजाब निवासी धीरज ऋषि ने उनकी मुलाकात सौरभ वत्स उर्फ सौरभ शर्मा निवासी देहरादून से कराई। सौरभ वत्स ने खुद को उत्तराखंड सचिवालय में विशेष कार्याधिकारी पद पर कार्यरत बताया। एक दिन सौरभ ने उनकी मुलाकात प्रकाश चंद्र उपाध्याय निवासी कलिंगा विहार, माजरी माफी से मुख्यमंत्री कार्यालय में करवाई। सौरभ ने बताया कि प्रकाश चंद्र उपाध्याय मुख्यमंत्री के प्रमुख निजी सचिव हैं। इसी दौरान सौरभ ने उनकी मुलाकात अपनी पत्नी नंदिनी वत्स, चालक शाहरुख खान व सहयोगी महेश और उसके पुत्र से भी करवाई।

सौरभ ने उन्हें सचिवालय में प्रकाश चंद्र उपाध्याय के पास बुलाया और कहा कि आपकी दवा फैक्ट्री है। आपको उत्तराखंड चिकित्सा विभाग में निकलने वाले दवाइयों के सप्लाई की टेंडर प्रक्रिया में शामिल होना चाहिए। टेंडर मिलने पर करोड़ों रुपयों का लाभ होगा। सौरभ ने कहा कि ई-टेंडरिंग के माध्यम से सभी टेंडर आपको मिल जाएंगे। हालांकि, इस काम के लिए उन्हें पहले 50 लाख रुपये देने होंगे। चिकित्सा सचिव सहित चिकित्सा विभाग के अन्य अधिकारियों को वह खुद मैनेज करेंगे। आरोपितों ने टेंडर दिलाने के नाम पर उनकी कंपनी के नाम से कई टेंडर फार्म भरवाए और अलग-अलग किस्तों में उनसे 52 लाख रुपये ले लिए। आरोपितों के वादे के अनुसार, चिकित्सा विभाग ने वर्क आर्डर देने के लिए नहीं बुलाया तो पीड़ित ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी।

नौ मार्च को वह आरोपितों से मिलने सचिवालय पहुंचे, लेकिन पीसी उपाध्याय व सौरभ वत्स ने उन्हें वर्क आर्डर के संबंध में संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। शिकायतकर्ता ने तत्काल धनराशि वापस करने की बात कही तो आरोपितों ने कहा कि चिकित्सा सचिव अभी छुट्टी पर हैं, उनके ड्यूटी ज्वाइन करते ही आर्डर मिल जाएगा। इसके बाद आरोपितों ने फोन उठाने बंद कर दिए। पीड़ित, आरोपितों से मिलने सहस्रधारा रोड स्थित रिसार्ट में पहुंचा और रुपये वापस करने को कहा तो उन्होंने धमकी दी कि यदि दोबारा धनराशि मांगी तो वह उसे जान से मार देंगे। पीड़ित की तहरीर पर शहर कोतवाली पुलिस ने आरोपित पीसी उपाध्याय, सौरभ वत्स, नंदिनी वत्स, चालक शाहरुख खान, महेश माहरिया व सोनक माहरिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पूर्व में दर्ज हैं दो मुकदमे, आरोपितों पर नहीं हुई कार्रवाई

ई-टेंडर के मामले में आरोपितों के खिलाफ पूर्व में शहर कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज हैं। यह मुकदमे पटियाला निवासी दवा कारोबारी संजीव देव व एक अन्य ने दर्ज कराए हैं, लेकिन पुलिस अब तक आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।

 

 

 

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 


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