“Uttarakhand” में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की खैर नहीं बता दें की अब पाई पाई की भरपाई दंगाइयों से की जाएगी, उत्तराखंड में हड़ताल, विरोध, प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और प्राइवेट सम्पत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए लाए गए अध्यादेश को राज्यपाल गुरमीत सिंह ने मंजूरी प्रदान कर दी है। पुष्कर सिंह धामी सरकार ने प्रदेश में उत्तराखंड लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली कानून लागू हो गया है…”
आपको बता दें की विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी सम्पत्ति को निशाने पर लेने वालों पर लगाम कसने के लिए प्रदेश कैबिनेट ने बीते दिनों उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश को मंजूरी प्रदान की थी। जिसे शुक्रवार को राजभवन की मंजूरी मिल गई है। इसी के साथ यह कानून प्रदेश में लागू हो गया है। अब सरकार अगले छह माह के भीतर इस अध्यादेश को विधानसभा में पेश कर ऐक्ट का रूप देगी। इस कानून के तहत उपद्रवियों से तय समय के भीतर नुकसान की शत प्रतिशत भरपाई की जाएगी।
कानून के अनुसार दंगाइयों से नुकसान की वसूली बाजार दर पर की जाएगी, कुछ मामलों में यदि ट्रिब्यूनल को उचित लगता है तो हर्जाना की वसूली कुल लागत से दोगुनी तक हो सकती है। प्रस्तावित कानून के तहत नुकसान की भरपाई करने के लिए रिटायर्ड जिजा जज की अध्यक्षता में स्वतंत्र ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। जिसे सिविल कोर्ट की शक्तियां प्रदान की गई हैं। सार्वजनिक सम्पत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए संबंधित विभागाध्यक्ष घटना के तीन महीने के भीतर ट्रिब्यूनल के सामने अपील करेंगे। प्रस्तावित कानून के तहत लोग निजी सम्पत्ति को हुए नुकसान की भरवाई के लिए भी दावा पेश कर सकते हैं। आवेदन कर्ता को कुल कितना मुआवजा दिया जाना है, यह स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा, मूल्यांकनकर्ता की नियुक्ति राज्य सरकार की ओर से तय पैनल में से किया जाएगा।
(रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना)