
किसानों ने 4000 प्रीपेड मीटर उखाड़कर बिजली दफ्तरों में जमा किए
सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए किसान मजदूर मोर्चा की नई रणनीति
ख़बर पड़ताल ब्यूरो। प्रीपेड बिजली मीटरों के विरोध में किसान मजदूर मोर्चा का आंदोलन एक नए चरण में पहुंच गया है। बीते दो दिनों के भीतर राज्य के विभिन्न गांवों से करीब 4000 प्रीपेड मीटर उतारकर किसानों ने बुधवार को अलग-अलग बिजली दफ्तरों में जमा कराए। यह कदम सरकार और बिजली विभाग पर दबाव बढ़ाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
पटियाला में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में किसान नेता सुखविंदर सिंह सभरा, राणा रणबीर सिंह और सतनाम सिंह पन्नू ने बताया कि जब किसान मीटर जमा करवाने बिजली दफ्तर पहुंचे तो अधिकांश जगहों पर वरिष्ठ अधिकारी नदारद मिले। ऐसे में किसानों ने मीटर दफ्तरों में ही रखकर विरोध दर्ज कराया।
नेताओं ने आरोप लगाया कि जिन उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं, उन्हें अपेक्षा से कहीं अधिक बिजली बिल मिल रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं में भारी नाराज़गी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रीपेड सिस्टम को लागू करते समय पारदर्शिता और उपभोक्ता हितों का ध्यान नहीं रखा, जो आज विवाद का बड़ा कारण बन गया है।
मोर्चा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही प्रीपेड मीटर नीति पर रोक नहीं लगाई, तो आंदोलन को व्यापक रूप दिया जाएगा।
