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*Exclusive:- पूरी प्लानिंग के साथ Haldwani में हुआ था टीम पर हमला??, लोगों ने पहले किया महिलाओं को आगे फिर शुरू की पत्थरबाजी; तोड़े CCTV कैमरे, बत्ती भी हुई गुल…*

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Uttarakhand” के हल्द्वानी में हुए बवाल, पथराव, आगजनी ने पूरे उत्तराखंड में हड़कंप मचा दिया, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अचानक मीटिंग बुलाई, साथ ही 300 से लोग घायल हो गए, 2 या 3 लोगों की मौत हो गई, इन सभी घटनाओं ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, क्या हल्द्वानी में प्लानिंग के साथ इस घटना को अंजाम दिया गया था?? और अगर ऐसा है तो लोगों को उकसाने वाला शख्स कौन है??

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 

घटना को देखने और समझने के बाद ऐसा प्रतीत होता है की हल्द्वानी में पूरी प्लानिंग के साथ टीम पर हमला हुआ था, क्षेत्र के लोगों ने पहले महिलाओं को आगे किया और फिर पत्थरबाजी शुरू की साथ CCTV तोड़े-बत्ती गुल भी रही….आपको जानकारी के लिए एक बार फिर बता दें की पुलिस-प्रशासन और नगर निगम की टीम दोपहर तीन बजे अलग-अलग जगहों पर एकजुट होने लगी। हमेशा की तरह कार्रवाई की पूर्व सूचना किसी को नहीं थी। बनभूलपुरा थाने के आगे नगर निगम पुलिस और मीडियाकर्मी जुटे तो हर कोई आकर पूछने लगा कि क्या मामला है। क्या होने जा रहा है। लेकिन जवाब में हर कोई यही कहता दिखा कि पता नहीं अधिकारी ही बता पाएंगे।पुलिस-प्रशासन और नगर निगम की टीम दोपहर तीन बजे अलग-अलग जगहों पर एकजुट होने लगी। हमेशा की तरह कार्रवाई की पूर्व सूचना किसी को नहीं थी। भारी पुलिसबल को देख बनभूलपुरा के लोगों ने अंदाजा लगा दिया कि मामला पिछले सात दिन से खासा चर्चाओं में रहे मलिक का बगीचा से ही जुड़ा है।

इसलिए टीम के मौके पर पहुंचने से पहले यह प्लानिंग बना ली गई थी कि कब क्या करना है।सवा चार बजे करीब पुलिसबल के मौके पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। मलिक के बगीचे में लोग न पहुंच पाए। इसके लिए अलग-अलग जगहों पर बेरीकेड लगाए गए। सभी बेरीकेडो को हटाने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी थी। रास्ते में सरकारी गाडियों को रोकने की कोशिश भी होने लगी।

इसके बाद घरों से महिलाओं को आगे किया गया।यह लोग एक बार पुलिस के आगे धरने पर बैठने लगी। लेकिन कोशिश नाकाम होने पर संख्या को और बढ़ा सीधा मलिक का बगीचा पहुंच गई। इस बीच टीम के ऊपर पत्थर बरसने भी शुरू हो गए। वहीं, बगीचे में महिलाएं पहले नमाजस्थल के आगे खड़ी हो गई। महिला पुलिसकर्मियों ने साइड किया तो बुलडोजर के बकैट में लेटने लगी। जिसके बाद बमुश्किल इन्हें हटाया गया।

मैदान से बाहर खदेडऩे पर यह तारबाड़ के बाहर से नारेबाजी और विरोध में उतर आई। इस बीच चारों दिशा से दीवार और तंग गलियों की आड़ से मुस्लिम युवाओं ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस एक जगह से खदेडऩे के लिए आगे बढ़ती तो दूसरी जगह से पत्थर बरसा फोर्स को पीछे खिसकाने की कोशिशें होने लगती।वहीं, अवैध अतिक्रमण को तोडने के बाद जब पुलिस बल और निगम कर्मचारी इलाके से बाहर निकलने लगे। तो रास्ते में पडने वाली हर गली से पथराव किया गया। पहले से छत्तों पर जमा किए पत्थरों का अंधेरा होने के बाद इस्तेमाल किया गया। बड़ा सवाल यह था कि बत्ती भी गुल हो गई। अंधेरे में फोर्स जमीन पर और उपद्रवी छत्तों और अचानक सामने से आकर हमले करने लगे

अंधेरे में घरों के गेट बंद किए, ताकि फोर्स खुद को बचाने की जगह न ढूंढ सके

अंधेरा होने के बाद मलिक के बगीचा से बाहर निकलना बेहद मुश्किल हो चुका था। पत्थरों से बचने के लिए पुलिस और निगमकर्मी लोगों के घरों में पनाह लेने की कोशिश कर सकते थे। लेकिन हर घर का गेट अंदर से बंद था। कुछ ने ताले लगा रखे थे। बाहरी छज्जे के नीचे खड़े होने पर उसी घर के ऊपर से पत्थर आ रहा था।

थाने के अलावा अन्य जगहों पर तोड़े सीसीटीवी

किसी भी घटना के बाद सीसीटीवी के माध्यम से उपद्रवियों को पहचाना जा सकता है। लेकिन उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने के अलावा गोपाल मंदिर के पास सरकारी कैमरों को तोड़ा। इसके अलावा दुकान के बाहर लगे कैमरे भी तोड़ दिए गए।

 डीएम ने विस्तार से बताया कैसे हुई हिंसा

डीएम वंदना सिंह ने बताया, ‘भीड़ ने थाने को घेर लिया और थाने के अंदर मौजूद लोगों को बाहर नहीं आने दिया गया. उन पर पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम से हमला किया गया। थाने के बाहर वाहनों में आग लगा दी गई और धुएं के कारण दम घुटने लगा…पुलिस थाने की सुरक्षा के लिए ही आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया..बनभूलपुरा में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं. घटना में अब तक 2 लोगों की मौत हो गई है और 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. ‘ मीडिया से बात करते हुए डीएम वंदना सिंह ने कहा कि जिस जमीन को खाली कराया गया है वो कोई धार्मिक जगह नहीं है बल्कि सरकारी रिकॉर्ड में वो वन विभाग की जमीन है जिसे हमने खाली करवाया. जो ढांचा गिराया गया वह मदरसे के नाम पर पंजीकृत नहीं था. उन्होंने कहा कि लेकिन साजिश के तहत पुलिस टीम पर हमला किया गया और हमले की लंबी प्लानिंग की गई थी जिसके तहत पत्थर इकट्ठा किए गए, पेट्रोल बम बनाए गए और फिर हमला किया गया.डीएम वंदना सिंह ने बताया कि पुलिस स्टेशन पर पेट्रोल बम से हमला किया गया. सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है।

भीड़ के पास थे पेट्रोल बम

वहीं अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीएम ने कुछ वीडियो दिखाए और कहा कि अकारण ही पुलिस प्रशासन की टीम पर हमला किया गया. डीएम वंदना सिंह ने बताया, ‘अतिक्रमण हटाने का अभियान शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ था और किसी भी हालात से निपटने के लिए फोर्स तैनात की गई थी. पहले हमारी नगर निगम की टीम पर पथराव किया गया. योजना बनाई गई थी कि जिस दिन अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जाएगा उस दिन हमला किया गया.पत्थर फेंकने वाली पहली भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया और दूसरी भीड़ आ गई जिसके पास पेट्रोल बम थे. हमारी टीम ने कोई बल प्रयोग नहीं किया.’


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