ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- एक नाबालिग की लड़की तबीयत खराब होने पर अस्पताल पहुंची थी. डॉक्टरों ने जब जांच की तो पता चला कि वो गर्भवती है. उसकी कम उम्र को देखते हुए जब महिला डॉक्टरों ने पूछा तो नाबालिग ने उसका बाल विवाह होने की पूरी कहानी सुना दी. इसके बाद उसके 30 वर्षीय पति को गिरफ्तार कर लिया गया।
लड़की को एक युवक द्वारा पंजाब से शादी कर लाया गया था. वही युवक उसे अस्पताल भी लाया था. मामले में अस्पताल प्रशासन द्वारा पूरी घटना पुलिस को बताई गयी. युवक को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. बताया जा रहा है कि पंजाब के अमृतसर में किशोरी की जबरन शादी चार माह पहले हुई थी. उसके बाद आरोपी उसे उत्तराखंड के थलीसैंंण ले आया. तभी से युवक द्वारा युवती का शारीरिक और मानसिक शोषण जारी था।
युवती ने बताया कि में 15 वर्ष की हूं. 30 वर्षीय युवक जबरन शादी कर मुझे अमृतसर से थलीसैंण ले आया. मुझसे रोज दुष्कर्म किया जा रहा था. विरोध करने पर मारपीट की जाती थी. अस्पताल पहुंची किशोरी ने जब डॉक्टरों को यह आपबीती बताई, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दे दी. कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंची पुलिस ने किशोरी के साथ पहुंचे आरोपी को अस्पताल से ही गिरफ्तार कर लिया।
थानाध्यक्ष सतपुली दीपक तिवाड़ी ने बताया कि उक्त किशोरी थलीसैंण निवासी युवक के साथ अस्पताल पहुंची थी. युवक उसके पास से कुछ मिनटों के लिए हटा तो उसने तुरंत डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों को आपबीती बता दी. उसने बताया कि मेरे माता-पिता का देहांत हो चुका है. मैं अपनी दादी और चाचा-चाची के साथ अमृतसर में रहती थी।
दादी ने चार महीने पहले अमृतसर में ही मेरी शादी जबरदस्ती थलीसैंण के 30 वर्षीय युवक से करा दी. शादी के कुछ समय बाद ही दादी का निधन हो गया. उसने बताया कि यहां लाकर मुझसे रोज दुष्कर्म किया जा रहा है. विरोध करने पर मारपीट की जाती है. डॉक्टरों ने तुरंत इसकी जानकारी अस्पताल के यूनिट हेड पंकज मोहन शर्मा को दी. उन्होंने तत्काल पुलिस को फोन कर सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी युवक को अस्पताल से ही गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ पॉक्सो समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की विवेचना कोतवाली पौड़ी की महिला उपनिरीक्षक लक्ष्मी जोशी को सौंपी गई है. वहीं, किशोरी को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया गया है।
अमृतसर में किशोरी की जबरन शादी चार माह पहले हुई थी. उसके बाद आरोपी उसे थलीसैंंण ले आया और तभी से युवती का शारीरिक और मानसिक शोषण जारी था. मंगलवार को अस्पताल पहुंची किशोरी को जैसे ही मौका मिला, उसने तुरंत डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों को आपबीती बता दी, जिसके बाद उसे चार माह से जारी प्रताड़ना से मुक्ति मिल गई।