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“CBI ने किया गोद लेने के नाम पर नवजात बच्चों की अवैध खरीद-फरोख्त करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़” 6 लाख में बेबी… 36 घंटे के नवजात को बेचने की तैयारी।

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- “बड़ी खबर आपको बता दें की देश के सबसे बड़े बाल तस्करी गैंग का में से एक का केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भंडाफोड़ किया है. इस मामले में पूरी दिल्ली के कई स्थानों पर छापेमारी की. राष्ट्रीय राजधानी के केशवपुरम इलाके में स्थित एक घर से तीन नवजात शिशुओं को बचाया गया. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि नवजात शिशुओं को काले बाजार में वस्तुओं के समान खरीदा और बेचा जा रहा था..”

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को गोद लेने के नाम पर नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. एजेंसी ने शनिवार को दिल्ली और हरियाणा के सात ठिकानों पर छापेमारी की और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पुलिस ने तीन बच्चों को बचाया. सात आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. छापेमारी के दौरान सीबीआई के अधिकारियों ने 5.5 लाख नकद के साथ आपत्तिजनक वस्तुएं और अन्य दस्तावेज बरामद किये हैं. इसके साथ ही सीबीआई ने 10 आरोपियों के खिलाफ मामला भी शुरू किया है, अब तक की जांच से पता चला है कि आरोपी विज्ञापन के माध्यम से, फेसबुक पेज और व्हाट्सएप ग्रुप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारत भर के निःसंतान दंपतियों से जुड़ते थे, जो बच्चे गोद लेने के इच्छुक हैं. वे कथित तौर पर वास्तविक माता-पिता के साथ-साथ सरोगेट माताओं से भी बच्चे खरीदते थे. वे बच्चों को 24 घंटे में देने का वादा करते थे, सूत्रों का कहना है कि उसके बाद नवजात बच्चों को 4 से 6 लाख प्रति बच्चे की कीमत पर बेचते थे. सीबीआई ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनसे मिली जानकारी के अनुसार पहले वे गोद लेने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाते थे और फिर फर्जी दस्तावेज की मदद से कई निःसंतान दंपतियों से लाखों रुपये की ठगी करते थे।

सीबीआई द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सीबीआई ने पूरे भारत में शिशुओं की खरीद-फरोख्त में शामिल तस्करों के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. सीबीआई ने दिल्ली और हरियाणा में सात स्थानों पर तलाशी ली. एजेंसी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि 15 दिन के दो शिशुओं और एक महीने की एक महिला बच्चे को भी सीबीआई ने ऑपरेशन के दौरान बचाया है. प्रवक्ता ने कहा कि तलाशी के दौरान 5.5 लाख रुपये नकद और अन्य दस्तावेजों सहित आपत्तिजनक वस्तुएं भी बरामद की गईं, एजेंसी ने कहा कि उसने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न दंड प्रावधानों के तहत और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत 10 आरोपियों के खिलाफ इस आरोप में एक आपराधिक मामला दर्ज किया है. यह गिरोह गोद लेने के साथ-साथ अन्य अवैध उद्देश्यों के लिए भारत भर में शिशुओं की खरीद-फरोख्त में शामिल है. एजेंसी ने कहा कि बड़े नेटवर्क का पता लगाने के लिए मामले में गहन जांच जारी है।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना


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