ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- उत्तराखंड में साइबर ठग अपने जाल बिछाते जा रहे हैं एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं बता दें कि अब नैनीताल के डीएसबी कैंपस के इतिहास विभाग के प्रोफेसर संजय घिल्डियाल साइबर ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होने का डर दिखाकर प्रोफेसर से 47 लाख रुपये ठग लिए। मामले में पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम
शुरुआत:
5 दिसंबर को प्रोफेसर के फोन पर अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और आरोप लगाया कि उनके आधार कार्ड से जुड़े सिम का उपयोग अवैध लेन-देन के लिए हो रहा है।
कॉलर ने प्रोफेसर को डराते हुए कहा कि उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज है और उनकी जान को खतरा है।
एप डाउनलोड कराया गया:
ठगों ने एक एप डाउनलोड करने को कहा और वीडियो कॉल पर जुड़े रहने का दबाव बनाया। उन्हें धमकी दी गई कि बिना अनुमति किसी से बात करने या घर से बाहर जाने पर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
फर्जी नोटिस भेजे गए:
एप के माध्यम से सीबीआई और आरबीआई के फर्जी नोटिस भेजकर उन्हें भ्रमित किया गया।
धनराशि ट्रांसफर कराई गई:
13, 14 और 16 दिसंबर को व्हाट्सएप कॉल्स के जरिए प्रोफेसर को उनके बैंक खातों की जांच के नाम पर धनराशि ट्रांसफर करने को कहा गया। डर के कारण उन्होंने 16 से 22 दिसंबर तक एसबीआई और बीओबी के खातों से कुल 47 लाख रुपये बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दिए।
ठगी का पता चलने पर पुलिस में शिकायत
ठगी का एहसास होने के बाद प्रोफेसर ने साइबर थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि ठगों ने फर्जी तरीके से सीबीआई, ईडी और आरबीआई अधिकारी बनकर ऑनलाइन धोखाधड़ी की।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की पहचान और पकड़े जाने के लिए जांच शुरू कर दी है।
किसी अज्ञात नंबर से आने वाली कॉल पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें। कोई भी संदिग्ध एप डाउनलोड न करें, किसी भी कानूनी कार्रवाई का डर दिखाने वालों से सतर्क रहें और पुलिस को तुरंत सूचित करें।