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*”बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बड़ा फरमान” अजान के दौरान हिन्दू समुदाय के लोगों के लिए पूजा-पाठ करने पर लगा प्रतिबंध।*

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- पड़ोसी देश बांग्लादेश में नई सरकार बनने के बाद हिंदुओं के साथ अत्याचार हो रहे हैं, अब एक और फरमान सरकार ने निकाला है, बता दें की बांग्लादेश सरकार में गृह मामलों के सलाहकार और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने ऐलान किया है कि अब से बांग्लादेश में अजान और नमाज के दौरान हिन्दू समुदाय के लोगों के लिए पूजा-पाठ करना और लाउडस्पीकर पर भजन सुनना प्रतिबंधित होगा. अगर कोई हिन्दू इस नियम का उल्लंघन करेगा तो पुलिस उसे बिना वारंट के गिरफ्तार कर लेगी।

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से लगातार हिन्दू निशाने पर हैं. वहां अब तक 300 हिन्दू परिवारों और उनके घरों पर हमले हो चुके हैं. चार बड़ी घटनाओं में हिन्दुओं की मॉब लिचिंग हुई है. 10 से ज्यादा हिन्दू मन्दिरों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई है. 49 हिन्दू टीचर्स को अलग-अलग विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से इस्तीफा देकर बाहर निकाला जा चुका है. हिन्दुओं का कत्लेआम करने वाले आतंकवादियों को जेल से छोड़ा जा रहा है और अब हिन्दुओं को दुर्गा पूजा के पंडालों में अज़ान के दौरान पूजा-पाठ करने से भी रोका जा रहा है, दरअसल, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में गृह मामलों के सलाहकार और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने ऐलान किया है कि अब से बांग्लादेश में अजान और नमाज के दौरान हिन्दू समुदाय के लोगों के लिए पूजा-पाठ करना और लाउडस्पीकर पर भजन सुनना प्रतिबंधित होगा. अगर कोई हिन्दू इस नियम का उल्लंघन करेगा तो पुलिस उसे बिना वारंट के गिरफ्तार कर लेगी.

सरकार का ये भी कहना है कि इस फैसले का पालन उन सभी समितियों को करना होगा, जो अगले महीने 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर के बीच बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के पंडालों को स्थापित करेंगी. इन सभी पंडालों में अज़ान से पांच मिनट पहले सभी धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ को बंद करना अनिवार्य होगा और अज़ान के दौरान और नमाज के समय लाउडस्पीकर पर भजन सुनने या धार्मिक मंत्रोच्चर करने पर भी पूर्ण प्रतिबंध होगा।

यानी मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में जब अजान के लिए मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर का इस्तेमाल होगा, तब हिन्दू अपने धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे क्योंकि हिन्दू वहां अल्पसंख्यक हैं और मुसलमान बहुसंख्यक हैं।

रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना 

Khabar Padtal Bureau


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