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क्या ऊधमसिंहनगर मे खाद्यान्न माफिया और विभागीय मिलीभगत से हुआ महाघोटाला?” त्यागी के सिंडिकेट में कौन-कौन शामिल” क्या जांच में त्यागी और उसकी गैंग के नाम आएंगे सामने।

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- जहां केंद्र और प्रदेश सरकार गरीबों का पेट भरने के लिए ऊधमसिंह नगर में प्रतिमाह लाखों मीट्रिक टन राशन सप्लाई कर लाखों कार्डधारकों को लाभान्वित करने का प्रयास कर रही है। वहीं राशन माफिया सरकार की योजना पर पलीता लगाते हुए राशन धांधली कर मुनाफा कमा रहे है। ऐसे में यदि राशन धांधली घोटाले को लेकर पूर्ति विभाग चुस्त हो जाता है,तो महज जिले ही नहीं,बल्कि प्रदेश का सबसे बड़ा राशन महाघोटाला पर्दाफाश होने की संभावना है। बावजूद इसके वर्षो से हो रहे घोटाले को ले कर पूर्ति विभाग हमेशा सुस्त दिख रहा है और माफिया चुस्त हो कर गरीबों का निवाला छीन रहे है।

बताते चलें कि राज्य खाद्य योजना के तहत 196211,राष्ट्रीय खाद सुरक्षा योजना के तहत 206429,अन्तोदय योजना के तह त 17469 यानि 420109 मीट्रिक टन गेहूँ व चावल की सप्लाई प्रतिमाह जिले के सस्ता गल्ला की दुकानों पर होती है,जबकि राज्य खाद्य योजना के तहत 752662,राष्ट्रीय खाद सुरक्षा योजना के तहत 955936 और अंत्योदय योजना के तहत 70471 यानी कुल 1779069 कार्डधारक इन योजनाओं का लाभ लेते है। जिसमें अति निर्धन और निम्न वर्ग के परिवार शामिल है। ऐसे में पिछले कुछ दिनों से महज रुद्रपुर स्तर से हुई राशन धांधली प्रकरण में राशन माफियाओं के नाम सामने आ रहे है,यदि इस राशन धांधली प्रकरण को जिला प्रशासन और जिला पूर्ति विभाग गंभीरता से ले लेता है। तो प्रबल संभावना है कि गरीबों के राशन पर डाका डालने वाले राशन माफियाओं को बे पर्दा किया जा सकता है और जिले का यह एक बड़ा राशन महा घोटाला भी निकल सकता है। इसके अलावा जिला ही नहीं,जब कि यहां मुद्दा प्रदेश स्तर का है,क्योंकि सस्ता गल्ला की दुकानों का आवंटन योजना पूरे प्रदेश की व्यवस्था है। इस व्यवस्था को पात्रों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी प्रशासन की है। जानकारों का मानना है कि राशन धांधली जिले में नहीं,बल्कि प्रदेश की ज्यादातर सस्ता गल्ला दुकानों में खेली जाती होगी।

जिले में सस्ता गल्ला विक्रेता दुकानों की बात करें ,तो शहरी और ग्रामीण इलाकों को मिलाकर 684 दुकानें आवंटित है। इसमें से शहरी इलाके में 257 और ग्रामीण इलाकों में 427 दुकानें आवंटित है। इन सभी आवंटित दुकानों से ही केंद्र और प्रदेश सरकार की खाद्य सुरक्षा योजनाओं के तहत गरीब परिवारों को राशन वितरण किया जाता है। आंकड़ों के अनुसार 684 आवंटित दुकानों की कार्यशैली और वितरण प्रणाली पर ध्यान दिया जाएं। तो धांधली के मामले पकड़े जा सकते है।

राशन वितरण व्यवस्था में धांधली का मामला सामने आने के बाद राशन धांधली की जांच कैसी होगी। यह एक बड़ा सवाल है,क्योकि प्रकरण के सामने आने के बाद जिला पूर्ति अधिकारी ने मुख्यालय एवं सितारगंज के एआरओ को मामले की जांच सौंपी है। दो एआरओ 684 दुकान आवंटन और धांधली की जांच कर पाएंगे। इसका जवाब हर कार्डधारक जानना चाहता है।

जिले में कई मदों से राशन वितरण की योजनाएं संचालित है और 684 दुकानों का आवंटन किया गया है। ऐसे में धांधली प्रकरण के सामने आने के बाद पहले चरण में एआरओ की जांच टीम रूद्र पुर की शिकायतों और धांधली के मामलों को जांचेगी। लोकसभा चुनाव के बाद जिले भर के एआरओ की कमेटी बना कर आंवटन प्रक्रिया और राशन वितरण की धांधली मामले पर पड़ताल की जाएंगी।


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