ख़बर पड़ताल ब्यूरो:– इस बार नगर निकाय चुनाव में लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तरह प्रत्याशियों को अपना आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने पहली बार इस नियम को लागू किया है। इसके तहत वार्ड और निकाय अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों को शपथ पत्र में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों का पूरा विवरण देना होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी करेंगे ब्योरा सार्वजनिक
प्रत्याशियों द्वारा दिए गए आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। इसके साथ ही अखबारों और अन्य माध्यमों के जरिए यह सूचना जनता तक पहुंचाई जाएगी।
मतदाता जान सकेंगे अपने प्रत्याशी का रिकॉर्ड
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य निकाय चुनाव में आपराधिक प्रवृत्ति को कम करना और मतदाताओं को उनके प्रत्याशियों की पृष्ठभूमि की जानकारी देना है। मतदाता जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर जाकर उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड देख सकेंगे।
नियम का पालन अनिवार्य
हर प्रत्याशी को अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों का विवरण, संबंधित थाने का नाम और धाराओं की जानकारी जिलाधिकारी को उपलब्ध करानी होगी। इसके बाद यह जानकारी प्रचार माध्यमों और वेबसाइट के जरिए सार्वजनिक की जाएगी।
नई पहल का उद्देश्य
यह कदम निकाय चुनावों में पारदर्शिता बढ़ाने और आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों को बेनकाब करने के लिए उठाया गया है। निर्वाचन आयोग का मानना है कि इससे मतदाता सूझबूझ से अपने प्रतिनिधि का चयन कर पाएंगे।