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“आज ठगी के ऐसे ऐसे चौका देने वाले मामले सामने आ रहे हैं, जो आपको सोचने पर मजबूर कर दें, और आज के समय आपको और भी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, अगर कोई आपको फोन करके कहे कि आपके पार्सल में ड्रग्स या हथियार मिले हैं और आपको पुलिस तलाश रही है तो घबराइएगा नहीं. ये फोन कॉल साइबर ठगों की हो सकती है. देहरादून की एक महिला को साइबर ठगों ने ऐसे ही ठगकर 5 लाख का चूना लगा दिया…”
देहरादून:- थाना राजपुर क्षेत्र के अंतर्गत निवासी महिला के साथ साइबर ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर ठग लिया. महिला के पार्सल में ड्रग्स बताकर लाखों रुपए की ठगी कर डाली. महिला की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
पार्सल में ड्रग्स बताकर ठगी
मीना राधा कृष्ण निवासी गुनियाल गांव ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनके पास 13 मार्च को एक कॉल आई. फोनकर्ता ने खुद को कोरियर सर्विस का अधिकारी बताया. उसने कहा कि आपको एक पार्सल भेजा गया था. वह कस्टम के अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर पकड़ लिया. अधिकारियों द्वारा जब पार्सल को चेक किया गया तो उसमें ड्रग्स मिली है. साथ ही पार्सल पर आपका आधार कार्ड और नाम पता लिखा हुआ है।
ऐसे लगाया 5 लाख का चूना
पीड़िता ने कहा कि उन्होंने कोई पार्सल नहीं भेजा है. आधार कार्ड और नाम पते का किसी ने दुरुपयोग किया है. फोनकर्ता ने इस बात की शिकायत ऑनलाइन दर्ज करवाने के लिए एक अन्य नंबर के साथ कनेक्ट किया. महिला से नए नंबर से कनेक्ट होने के बाद बात करने वाले ने खुद को प्रकाश कुमार बताते हुए मुंबई का पुलिस अधिकारी बताया. फोनकर्ता ने पीड़िता के साथ वीडियो कॉल पर भी बात की और पीड़ित से कहा कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल 10 राज्यों में अपराध में हुआ है।
साइबर ठग के कॉल से डर गई महिला
आधार कार्ड से महाराष्ट्र में तीन बैंक अकाउंट खुले हैं. इस दौरान व्हाट्सएप नंबर से भी वीडियो कॉल के जरिए मॉनिटरिंग करना भी शुरू कर दिया. इसके बाद पीड़िता के व्हाट्सएप पर आरबीआई, सीबीआई और फाइनेंस डिपार्टमेंट से चल रही जांच से संबंधित पत्र भेजे गए. उसके बाद पीड़िता घबरा गई और जांच में सहयोग करने के नाम पर पांच लाख रुपए फोनकर्ता के बताए खाते में जमा करवा दिए।
थाना राजपुर प्रभारी पीडी भट्ट ने बताया कि पीड़िता की तहरीर के आधार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. साथ ही पीड़िता के पास आए फोन नंबरों की भी जांच पुलिस द्वारा की जा रही है।