खबर पड़ताल,रुद्रपुर के पहाडगंज में हुई नाबालिग की हत्याकांड का शायद राज दफन हो जाता। अगर एलआईयू यूनिट प्रभारी नरेंद्र मनवाल ने सही समय पर पुलिस को सूचना नहीं दी होती। एलआईयू प्रभारी की सटीक सूचना पर जब पुलिस ने यूपी के अजीमनगर के गांव बजावाला कब्रिस्तान में छापा मारा। तो सूचना सटीक निकली और पुलिस ने हत्यारे माता-पिता को गिरफ्तार कर पर्दाफाश कर दिया।
खुलासा करते हुए सीओ सदर निहारिता तोमर ने भी एलआईयू प्रभारी नरेंद्र मनवाल की सूचना की प्रशंसा करते हुए बताया कि जब एलआईयू प्रभारी ने सूचना प्रसारित की। उसी वक्त कोतवाली पुलिस को भी सक्रिय कर यूपी पुलिस से संपर्क साधा गया। जब कोतवाल धीरेंद्र कुमार अपनी टीम के साथ यूपी के उस गांव पहुंचे। तो नाबालिग के शरीर पर चोट के निशान और गले पर लगे निशान माता पिता की हैवानियत को बयां कर रहे थे। जिसके बाद पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर दिया और एल आईयू प्रभारी की प्रशंसा करनी शुरू कर दी।
वहीं म्रतक नाबालिक की लाश को अगर यूपी के उस गांव मे दफना दिया होता तो कहीं ना कहीं यह कार्यवाही मे औए वक्त लगता, जिसके लिए दफन लाश को वापस कब्र से निकालने के लिए जिलाधिकारी और उच्च अधिकारियों से अनुमति लेनी पड़ती इसके साथ ही समाज का विरोध भी पुलिस टीम को झेलना पड़ता।