ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- तराई केंद्रीय और तराई पूर्वी वन प्रभाग में जंगली हाथियों ने आतंक मचा रखा है। हाथी लगातार जंगलों से निकलकर ग्रामीण इलाकों में फसलों को बर्बाद कर रहे हैं और घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे ग्रामीणों में डर और दहशत का माहौल बन गया है।
लालकुआं विधानसभा के तराई केंद्रीय वन प्रभाग में टांडा जंगल से निकले जंगली हाथियों ने गंगापुर कब्डवाल गांव में कहर बरपाया। हाथियों ने गन्ने और गेहूं की फसलों को रौंद डाला। यही नहीं, एक हाथी ने ग्रामीण हेमेंद्र कब्डवाल के घर में घुसकर जमकर उत्पात मचाया और घर की चारदीवारी को तोड़ दिया।
ग्रामीण शाम को घरों में बंद
ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों के डर से वे शाम ढलते ही घरों में दुबकने को मजबूर हैं। इसी सप्ताह हाथियों के झुंड ने गांव में नगर निगम की गौशाला की दीवार भी तोड़ दी थी।
(वन विभाग अधिकारी): “हमारी गश्ती टीम रात में गश्त कर रही है। हाथियों को जंगल में वापस भगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, जंगल के किनारे खाई भी खोदी जा रही है।”
बर्बाद खेत और वन विभाग की गश्ती टीम:- ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग केवल खानापूर्ति कर रहा है। वहीं, ग्रामीणों ने सोलर फेंसिंग और अन्य उपायों की मांग की है ताकि हाथियों के इस आतंक से निजात मिल सके।
जंगली जानवरों और इंसानों के बीच इस संघर्ष की वजह लगातार घटते जंगल और बढ़ती आबादी मानी जा रही है। देखना होगा कि वन विभाग इस समस्या को लेकर क्या ठोस कदम उठाता है।