
ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- पंतनगर विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापिका डॉक्टर किरन यादव की आत्महत्या के मामले में 9 साल बाद अदालत ने आरोपी पति डॉक्टर आकाश यादव को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश कुमार आर्या ने डॉक्टर आकाश यादव को 5 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हज़ार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
मामले का विवरण
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा के अनुसार, ग्राम जयनगर नंबर 4, थाना दिनेशपुर निवासी एसडी यादव ने 15 दिसंबर 2015 को पंतनगर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि उनकी बेटी डॉक्टर किरन यादव की शादी 7 मई 2015 को सिकंदराबाद, तेलंगाना निवासी डॉक्टर आकाश यादव के साथ हुई थी।
शादी के कुछ समय बाद ही, डॉक्टर किरन को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। पति, सास-ससुर, और देवर द्वारा नकदी और बड़ी कार की मांग की गई। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो किरन के साथ मारपीट की गई और उसे भूखा रखा गया।
किरन ने अपने पिता और भाइयों को अपनी प्रताड़ना के बारे में बताया। कुछ समय बाद, उसने पंतनगर विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के रूप में नौकरी कर ली। लेकिन ससुराल पक्ष ने उसे लगातार धमकियां दीं। 13 दिसंबर 2015 को किरन ने अपने भाई को अपनी परेशानी बताई। अगले दिन 14 दिसंबर 2015 को, उसका शव उसके आवास में फंदे से लटका हुआ पाया गया।
अदालती कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में डॉक्टर आकाश यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। अभियोजन पक्ष ने 14 गवाहों को पेश किया। तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराते हुए मंगलवार को सजा सुनाई।