बड़ी ख़बर आपको बता दें की देश के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को एक आवेदन दिया था। इस आवेदन के अनुसार वह आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक सहित 6 लेंडर बैंक में से प्रत्येक में 9.5 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करना चाहता है। इस आवदेन पर 5 फरवरी 2024 को आरबीआई ने मंजूरी दे दी है…भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एचडीएफसी बैंक को यस बैंक में 9.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए मंजूरी दे दी है, कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है। यस बैंक ने फाइलिंग में कहा, “हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि यस बैंक लिमिटेड (“बैंक”) को 5 फरवरी, 2024 को भारतीय रिजर्व बैंक (“आरबीआई”) से एक सूचना मिली है, कि उसने एचडीएफसी बैंक लिमिटेड (“आवेदक”) को बैंक की चुकता शेयर पूंजी या मतदान अधिकारों के 9.50% तक की कुल होल्डिंग प्राप्त करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।” नियामकीय अनुपालन और बाजार की गतिशीलता पर विचार करने के बाद आरबीआई की ओर से यह मंजूरी दी गई है।
वहीं, एचडीएफसी बैंक ने मंगलवार को स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि इंडसइंड बैंक में 9.5 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीदने की आरबीआई की मंजूरी केवल एचडीएफसी बैंक पर लागू नहीं होती है, बल्कि पूरे एचडीएफसी बैंक समूह पर लागू होती है। भारतीय रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी बैंक समूह को इंडसइंड बैंक, यस बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक और बंधन बैंक में 9.50 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दी है। बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी), एचडीएफसी एर्गो और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस की ओर से किए गए निवेश के लिए दी गई है।
आरबीआई की ओर से दी गई यह मंजूरी एक वर्ष के लिए वैध है और यदि एचडीएफसी बैंक उस अवधि के भीतर शेयरधारिता का अधिग्रहण करने में विफल रहता है, तो यह अनुमोदन रद्द कर दिया जाएगा। आरबीआई की मंजूरी बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रासंगिक प्रावधानों, आरबीआई के मास्टर डायरेक्शन और 16 जनवरी, 2023 को बैंकिंग कंपनियों में शेयरों या वोटिंग अधिकारों के अधिग्रहण और होल्डिंग से जुड़े दिशानिर्देशों, फेमा, सेबी नियमों और अन्य लागू नियमों के अनुपालन के अधीन है।
क्यों है अहम
इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए आरबीआई ने शर्त रखी है कि एचडीएफसी ग्रुप को एक साल के अंदर शेयरों का अधिग्रहण करना होगा, अगर वो असमर्थ रहता है तो ये मंजूरी रद्द हो जाएगी. इसके अलावा आरबीआई ने ये भी कहा है कि एचडीएफसी को ये हिस्सेदारी पेड अप शेयर कैपिटल या वोटिंग राइट की एग्रीगेट होल्डिंग के तौर पर खरीदना होगा. ये डील एचडीएफसी बैंक के लिए काफी अहम है।
क्या होगा ग्राहकों पर असर?
लोगों के मन में सवाल है कि क्या इस अधिग्रहण से उनकी बैंकिंग सर्विसेस पर असर पड़ेगा? आपको बता दें कि इस अधिग्रहण का इंडसइंड बैंक, यस बैंक या किसी भी बैंक के ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बैंकों के कामकाज से लेकर, बैंकिंग सर्विसेस, ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सभी सर्विसेस पहले की तरह की जारी रहेगी।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना