
रेलवे की बड़ी चूक! कन्फर्म टिकट के बाद भी यात्री को नहीं मिली सीट।
झांसी के दो दोस्तों ने ट्रेन नंबर 01802 में D3 कोच के लिए सीट नंबर 101 और 108 की ऑनलाइन बुकिंग कराई थी। लेकिन जब वे कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन से ट्रेन में सवार हुए, तो उन्हें बड़ा झटका लगा! कोच में सीट नंबर 108 थी ही नहीं! पूरे कोच में सिर्फ 106 सीटें थीं। यानी रेलवे ने एक ऐसी सीट की बुकिंग कर दी जो अस्तित्व में ही नहीं थी!
इस लापरवाही से हैरान यात्री ने रेलवे हेल्पलाइन 139 पर शिकायत दर्ज कराई। लेकिन समाधान देने के बजाय, रेलवे ने सिर्फ औपचारिक खेद जताते हुए कहा कि उनकी समस्या संबंधित अधिकारियों तक भेज दी गई है।
नतीजा? न कोई अधिकारी आया, न कोई मदद मिली, और यात्री को पूरी यात्रा खड़े होकर ही करनी पड़ी।
जब यह मामला सामने आया, तो रेलवे के PRO मनोज सिंह ने बयान दिया—
“D3 कोच में आमतौर पर 108 नंबर सीट होती है, लेकिन इस बार गलती कैसे हुई, इसकी जांच की जाएगी। अगर गलती हुई है तो यात्री को दूसरी सीट दी जानी चाहिए थी या किराया वापस किया जाना चाहिए था।”
लेकिन सवाल यह उठता है कि इस लापरवाही का खामियाजा यात्रियों को क्यों भुगतना पड़ा? अगर सफर लंबा होता, तो उनकी परेशानी कितनी बढ़ जाती? क्या रेलवे अपनी गलतियों से सबक लेगा, या भविष्य में यात्रियों को इसी तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा?