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“उत्तराखंड में नई शराब नीति लागू: बढ़ेंगी कीमतें, धार्मिक स्थलों के पास बंद होंगे ठेके!”

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उत्तराखंड में 1 अप्रैल से नई शराब नीति 2025 लागू, बढ़ेंगी कीमतें।

देहरादून: उत्तराखंड में 1 अप्रैल 2025 से नई आबकारी नीति लागू होते ही शराब की कीमतों में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। हालांकि, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, शराब कंपनियां अन्य राज्यों की तुलना में बहुत अधिक दाम नहीं बढ़ा सकतीं, लेकिन राजस्व लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कुछ वृद्धि जरूर होगी।

कैबिनेट ने दी मंजूरी

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति 2025 को मंजूरी दी गई। इसमें कई नए प्रावधान किए गए हैं:
  • एमआरपी से अधिक वसूली पर सख्ती: अगर किसी दुकान पर एमआरपी से अधिक कीमत ली जाती है, तो लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान किया गया है।
  • डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर भी एमआरपी लागू: अब इन स्टोर्स पर शराब एमआरपी दरों पर ही बेची जाएगी।
  • धार्मिक स्थलों के पास शराब की दुकानें बंद होंगी: धार्मिक क्षेत्रों की पवित्रता बनाए रखने के लिए उनके पास स्थित शराब की दुकानों को हटाया जाएगा।
  • उप-दुकान और मैट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था खत्म: इससे अवैध और अनियमित बिक्री पर रोक लगेगी।
  • 5060 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य का निर्धारण
  • उत्तराखंड में पिछले दो वर्षों में आबकारी राजस्व में वृद्धि हुई है।
  • 2023-24 में: लक्ष्य 4000 करोड़ रुपये था, जबकि 4038.69 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हुआ।
  • 2024-25 में: 4439 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया, अब तक लगभग 4000 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो चुकी है।
  • 2025-26 के लिए: 5060 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य तय किया गया है।
  • स्थानीय लोगों को प्राथमिकता और नए अवसर
  • थोक मदिरा की दुकानें केवल उत्तराखंड के निवासियों को दी जाएंगी।
  • पर्वतीय क्षेत्रों में वाइनरी को बढ़ावा: राज्य में उत्पादित फलों से वाइन बनाने वाली इकाइयों को 15 साल तक आबकारी शुल्क में छूट मिलेगी, जिससे कृषि और बागवानी क्षेत्र को लाभ होगा।
  • माल्ट एवं स्प्रिट उद्योगों को विशेष सुविधाएं: निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में शराब उद्योगों को विशेष रियायतें दी जाएंगी।
  • निर्यात शुल्क में कटौती: मदिरा उद्योग में निवेश को बढ़ावा देने के लिए निर्यात शुल्क कम किया गया है।
  • नई आबकारी नीति से सरकार को राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है, वहीं स्थानीय निवासियों को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

 


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