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मंत्री जी” सहकारिता विभाग में अधिकारियों की मनमानी, तबादले के बावजूद नहीं छोड़ा जिला 20 दिन बाद भी नहीं हुए कार्यमुक्त, नियमों को खुलेआम ठेंगा

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सहकारिता विभाग में अधिकारियों की मनमानी, तबादले के बावजूद नहीं छोड़ा जिला
20 दिन बाद भी नहीं हुए कार्यमुक्त, नियमों को खुलेआम ठेंगा।

राजीव चावला/ एडिटर

रुद्रपुर। सहकारिता विभाग में कार्यरत कुछ अधिकारियों की मनमानी इन दिनों चर्चाओं में है। विभागीय नियमों को दरकिनार कर अधिकारी तबादले के बाद भी जनपद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। मामला उधम सिंह नगर जनपद का है, जहां दो सहायक विकास अधिकारियों का तबादला 10 जून को कर दिया गया, लेकिन आदेश जारी हुए 20 दिन बीत जाने के बाद भी दोनों अधिकारी अब तक कार्यमुक्त नहीं हुए हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सहायक विकास अधिकारी रुचि शुक्ला, जो कई वर्षों से उधम सिंह नगर में तैनात हैं, का तबादला बागेश्वर किया गया है। नियमों के अनुसार किसी भी अधिकारी की तैनाती उसके गृह जनपद में नहीं होनी चाहिए, बावजूद इसके रुचि शुक्ला लगातार इसी जिले में बनी हुई थीं। अब स्थानांतरण आदेश के बावजूद वह नए स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने को तैयार नहीं हैं।

इसी तरह, सितारगंज में तैनात सहायक विकास अधिकारी अपर्णा का तबादला पिथौरागढ़ किया गया है, लेकिन वह भी जनपद से कार्यमुक्त नहीं हुई हैं। इस पूरे मामले पर विभागीय अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। पूछे जाने पर बस इतना ही कहा जा रहा है कि “रिलीव क्यों नहीं हुए, इसकी जानकारी नहीं है।”

इससे यह सवाल उठता है कि क्या संबंधित अधिकारियों को विभाग के उच्चाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है? अगर नहीं, तो तबादला आदेश के अनुपालन में अब तक लापरवाही क्यों बरती जा रही है?

जनता और कर्मचारी संघों में इस बात को लेकर गहरा रोष है। कर्मचारियों का कहना है कि एक ओर कई अधिकारी वर्षों से अपने गृह जनपद से दूर सेवा दे रहे हैं और तबादले के लिए लगातार प्रयासरत हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ अधिकारियों को नियमों को ताक पर रखकर विशेष छूट दी जा रही है।

इस मामले ने सहकारिता विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह विभाग कुछ चुनिंदा अधिकारियों की सुविधा तक सीमित होकर रह गया है, या फिर नियम-कायदे अब महज औपचारिकता बनकर रह गए हैं?

अब सबकी नजरें शासन के रुख पर टिकी हैं। देखना यह होगा कि क्या इन अधिकारियों को कार्यमुक्त कर तबादला आदेश का पालन करवाया जाएगा या फिर यह आदेश भी अन्य कई आदेशों की तरह फाइलों में ही दबकर रह जाएगा।

– रिपोर्ट: ख़बर पड़ताल टीम, रुद्रपुर

Rajeev Chawla


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