Uttarakhand” के रुद्रपुर में शुक्रवार को राजनीति को शर्मसार करने वाली घटना देखने मिली जहां दो अलग अलग पार्टी के नेता जिनका समाज में अपना एक अलग नाम और फिर रूतवा है वह लोग आपस में जैसे गली के बच्चे आपस में लड़ पड़ते हैं ठीक वैसे ही लड़ पड़े दोनो के बीच लात घुसे भी चले, रुद्रपुर शहर की शक्ति विहार काॅलोनी में सड़क के लोकार्पण का शिलापट को शिफ्ट करने को लेकर निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह और कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा भिड़ गए। सीपी का आरोप है कि रामपाल ने परिजन और समर्थकों के साथ उनको दौड़ाकर पीटा। यही नहीं उन पर ईंट-पत्थर भी फेंके। रामपाल ने सीपी व साथियों पर मारपीट और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर धमकाने का आरोप मढ़ा। घटना के बाद चोटिल सीपी ने जिला अस्पताल में इलाज कराया, वहीं रामपाल को अस्पताल में भर्ती किया गया….शक्ति विहार काॅलोनी के गेट पर एक साल पहले नगर निगम की ओर से बनाई गईं सड़कों के लोकार्पण का शिलापट लगाया गया था। काॅलोनी के नए गेट के लिए विधायक निधि से प्रस्ताव मंजूर हुआ है। नया गेट बनवाने के लिए शक्ति विहार काॅलोनी के सोसायटी अध्यक्ष व कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा शिलापट को दूसरे जगह शिफ्ट करना चाह रहे थे लेकिन इसी काॅलोनी में रहने वाले निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह ने इस पर असहमति जताई थी। उन्होंने वर्तमान गेट की जगह पर ही नया गेट बनाने का सुझाव दिया था।
शुक्रवार दोपहर काॅलोनी गेट पर सीपी शर्मा शिलापट को शिफ्ट करा रहे थे। इसी बीच रामपाल अपने सहयोगियों के साथ पहुंच गए। दोनों पक्षों में गहमागहमी के बाद मारपीट हो गई। मारपीट में सीपी को खुली और रामपाल को गुम चोटें आई। दोनों ही इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचे थे। डाक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद सीपी को छुट्टी दे दी। वहीं रामपाल को दर्द की शिकायत पर भर्ती कर लिया। एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि विवाद और मारपीट की सूचना मिली है। किसी पक्ष ने तहरीर नहीं दी है। मामले में तहरीर मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
जिला अस्पताल में भाजपा और कांग्रेसियों का जमावड़ा
मारपीट की घटना के बाद सीपी शर्मा इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचे थे। सूचना मिलने पर जिलाध्यक्ष हिमांशु गाबा, प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय, पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष संदीप चीमा, निवर्तमान पार्षद मोहन खेड़ा, मोनू निषाद सहित तमाम कांग्रेसियों ने अस्पताल पहुंचकर हाल चाल जाना। प्राथमिक इलाज कराकर सभी लोग सीपी को घर ले गए। वहीं निवर्तमान मेयर के अस्पताल पहुंचने की जानकारी के बाद विधायक शिव अरोरा, भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौहान, राकेश सिंह, निवर्तमान पार्षद प्रमोद शर्मा, सुशील चौहान सहित तमाम कार्यकर्ताओं ने उनका हाल चाल जाना। उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
शक्ति विहार के वासी है रामपाल और सीपी
शिलापट शिफ्टिंग को लेकर भिड़े रामपाल सिंह और सीपी शर्मा शक्ति विहार काॅलोनी के वाशिंदे हैं। सीपी वर्तमान में सोसायटी के अध्यक्ष हैं। शिलापट शिफ्ट करने का विवाद कुछ दिनों से चल रहा था। शुक्रवार को सोसायटी के व्हाट्सएप ग्रुप में सीपी ने शिलापट को सम्मानपूर्वक शिफ्ट करने का मैसेज भी डाला था। इसके बाद वे शिलापट शिफ्ट करवाने लगे और विवाद खड़ा हो गया।
भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने
विधायक शिव अरोरा ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र में इस प्रकार की घटिया मानसिकता का कोई स्थान नहीं है। विपक्षी पार्टी के लोगों की ओर से अशोभनीय कार्य किया गया है, निंदनीय है। यह कांग्रेस पार्टी के संस्कार और सोच को दर्शाता है। कांग्रेसी विकास कार्यों के शिलापट को जबरन हटाने का कार्य कर रहे हैं। ऐसी घटना का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। हमको अपने पद और प्रतिष्ठा का ध्यान रखते हुए मर्यादा का पालन करना चाहिए।
मामले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष हिमांशु गाबा ने कहा कि शिलापट को शिफ्ट करने का मामला चल रहा था तो उसे बैठकर हल करना चाहिए था लेकिन प्लानिंग कर 10-12 लोगों के साथ अकेले आदमी पर जानलेवा हमला करना गलत बात है। अधिवक्ता से सलाह लेकर पुलिस को तहरीर देंगे। दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। यह घटना बर्दाश्त करने लायक नहीं है। वहीं पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गणेश उपाध्याय ने कहा कि सुनियोजित ढंग से सीपी शर्मा को मारने की कोशिश की गई है। पूर्व मेयर ने कानून अपने हाथ में लिया है और सत्ता का अहंकार है।
रामपाल सिंह, निवर्तमान मेयर ने कहा की रानीबाग से लौटते समय मैंने कॉलोनी गेट पर सीपी शर्मा और एक व्यक्ति को शिलापट तोड़ते देखा। मना किया तो शर्मा बदतमीजी पर उतर गए। शर्मा और उनके साथ मौजूद छह लोगों ने उनके साथ मारपीट कर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गालीगलौज की। जब उनका परिवार आया तो सीपी भागने की समय दौड़े और गिरकर चोटिल हुए हैं। सुझाव दिया था कि विधायक निधि से नया गेट वहां बने, जहां पर वर्तमान में गेट है लेकिन सीपी सोसायटी अध्यक्ष बनने का रौब दिखाकर मनमर्जी पर उतारू थे। उन पर मारपीट के आरोप निराधार है।
सीपी शर्मा, महानगर अध्यक्ष, कांग्रेस ने कहा की शिलापट गेट के नजदीक लगा है और एमएनए के पास दो बार शिपलापट को शिफ्ट करने के प्रार्थना पत्र दिए थे। सोसायटी के ग्रुप में भी इसका संदेश डाला था। शिलापट शिफ्ट करने की बात से रामपाल भड़क गए। उन्होंने परिजनों, सहयोगियों के साथ उनके गालीगलौज कर मारपीट की। अकेला होने की वजह से वह जान बचाकर किसी तरह वहां से भागे थे। मेयर के गनर ने मेरी जान बचा ली, वरना बड़ी घटना हो सकती थी। मेयर के पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने भ्रष्टाचार के तमाम मामले विपक्षी होने के नाते उठाए थे। इसकी खुन्नश शिलापट की आड़ में निकाली गई।
रिपोर्ट: साक्षी सक्सेना