रिपोर्टर – अंकिता मेहरा
नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर में उत्तराखंड की पहली हाईटेक एनसीसी फायरिंग रेंज की शुरुआत हो गई है। आधुनिक तकनीक से सुसज्जित यह फायरिंग रेंज एनसीसी कैडेट्स को उन्नत स्तर की निशानेबाजी प्रशिक्षण सुविधा प्रदान करेगी। इस पहल से ना सिर्फ राज्य के युवाओं को नया प्लेटफॉर्म मिलेगा, बल्कि नेशनल गेम्स, ऑल इंडिया एनसीसी प्रतियोगिताओं और भविष्य में ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों तक पहुंचने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
फायरिंग रेंज का विधिवत उद्घाटन उत्तराखंड एनसीसी निदेशालय के उपनिदेशक ब्रिगेडियर संजय चौहान ने किया। कार्यक्रम में नैनीताल एनसीसी बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल रोहिताश्व शर्मा, कॉलेज के प्राचार्य प्रो. पी.सी. पांडे, एनसीसी अधिकारी कैप्टन अमित आर्य सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
यह रेंज 10 मीटर एयर राइफल प्रशिक्षण के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है और इसमें अत्याधुनिक एयर राइफल्स तथा इलेक्ट्रॉनिक टारगेट सिस्टम लगाए गए हैं। इन तकनीकों की मदद से कैडेट्स अपनी निशानेबाजी की सटीकता और प्रतिक्रिया समय में सुधार कर सकेंगे। सालभर उपयोग के योग्य इस रेंज से विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों के एनसीसी कैडेट्स को लाभ मिलेगा, जिन्हें अब बाहरी स्थानों पर प्रशिक्षण के लिए नहीं जाना पड़ेगा।
इस मौके पर कैडेट्स ने तकनीक से लैस इस नई रेंज में फायरिंग का प्रदर्शन भी किया। उन्होंने रेंज की सुविधा पर उत्साह जताते हुए इसे अपने प्रशिक्षण के लिए बेहद लाभकारी बताया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमोडोर बी.आर. सिंह ने कहा कि यह फायरिंग रेंज केवल एक प्रशिक्षण केंद्र नहीं, बल्कि युवाओं में आत्मविश्वास, अनुशासन और लक्ष्य साधने की भावना को सशक्त करने का माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें उचित मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध कराना आवश्यक है।
फिलहाल रेंज को 10 मीटर एयर राइफल अभ्यास के लिए विकसित किया गया है, लेकिन भविष्य में इसमें और सुविधाएं भी जोड़ी जाएंगी। यह पहल राज्य में खेल संस्कृति और अनुशासित जीवनशैली को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।