ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- राजस्थान के सीकर जिले की खाटू नगरी में बाबा श्याम का भव्य मंदिर स्थित है, जहां लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं. ऐसे में अगर आप भी बाबा श्याम के भक्त हैं और मंदिर में दर्शन के लिए आते-जाते रहते हैं, इसी के चलते कलेक्टर ने आम श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए कुछ फैसले लिए हैं. इस साल मार्च के महीने में बाबा श्याम के फाल्गुन मेले की समीक्षा मीटिंग प्रशासनिक अधिकारियों ने ली थी. यह मीटिंग जिला कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी की अध्यक्षता में हुई थी…
इस बार कलेक्टर ने आम श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए उनकी सहूलियत को लेकर कई फैसले लिए हैं. मार्च 2024 में आयोजित बाबा श्याम के फाल्गुन मेले की समीक्षा मीटिंग प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई. यह मीटिंग जिला कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई, जिला कलेक्टर ने बैठक में बताया कि खाटूश्याम मेले की प्रत्येक तीन माह में एक बार समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी. इन बैठकों के माध्यम से आम श्रद्धालुओं को होने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर चर्चा होगी और इसके अलावा दिए गए आदेशों के उल्लंघन पर अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
खाटूश्याम जी में की जाएगी ये व्यवस्थाएं
जिला कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी ने सैक्टरवाईज नियुुक्त अधिकारियों से मेले की व्यवस्थाओं का फीडबैक लेते हुए लखदातार मैदान में वेलटेंशन का विशेष ध्यान रखने, कच्ची सड़क को पक्का करने का आदेश दिया है. वहीं लामियां तिराहे से पार्किंग की तरफ नगर पालिका खाटू व सार्वजनिक निर्माण विभाग ड्रेनेज व सड़क निर्माण कार्य करवाने का 15 दिन में प्रस्ताव तैयार करवाकर भिजवाने का आदेश दिया है. इसके अलावा खाटू में दो स्थानों लामियां तिराहे की तरफ तथा मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय से मण्डा रोड़ की ओर फुट ओवर ब्रीज बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए है।
भक्तों के लिए बने ये नियम
आम भक्तों के लिए निशान (ध्वज) एकत्रित करने के लिए लखदातार व चारण मैदान में अतिरिक्त पात्र रखे जाएंगे, जिसमें श्रद्धालु द्वारा लाए गए निशान रखे जाएंगे. धर्मशाला में महिला व पुरुषों के दो अलग-अलग शौचालय सार्वजनिक उपयोग के लिए रखे जाएंगे. इसके अलावा खाटूश्याम जी में इत्र की कांच की बोतल पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगी. वहीं भक्त अब बाबा श्याम को गुलाब का फूल भी चढ़ा सकते हैं. ऐसा करने के लिए पहले उन्हें गुलाब का डंठल अलग करना होगा, उसके बाद ही भक्त गुलाब के फूल को मंदिर में ले जा सकते हैं. इसके अलावा श्याम सरकार से मांगीलाल धर्मशाला तक बेरिकेडिंग रहेगी और वीआईपी के दर्शनों की दो लाइने रहेंगी।